पश्चिम यूपी में भी बाढ़ का कहर, पहले किसान तबाह और फिर…

शामली।  हथिनीकुंड बैराग में रविवार को 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिसका असर अब दिखाई देना शुरू हो गया है। शामली में यमुना नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। जिस वजह से कई किसानों का भी नुकसान हो रहा है।

पश्चिम यूपी

वहीं सरकारी अमला पूरे दिन प्रभावित हुए गांवों में राहत कार्य और सुरक्षा व्यवस्था बनाने में जुटा रहा। उधर, बागपत जनपद में जलस्तर बढ़ गया है। सहारनपुर जिले में भी नकुड़ क्षेत्र के नसरुल्लागढ़ में मुख्यमार्ग पर पानी पहुंच जाने से आवागमन बंद हो गया। गंगोह को हरियाणा से जोड़ने वाली सड़क कट गई है। पुल का अगला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

मुजफ्फरनगर में पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश से गंगा बैराज पर जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है, जबकि सोलानी नदी उफान पर है। सोलानी के खादर क्षेत्र में जलभराव होने से रास्ते बंद हो गए हैं। लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। इस दौरान छात्र-छात्राएं भी नाव से नदी पार कर स्कूल गए।

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वहीं रामराज खादर क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है। बिजनौर में बाढ़ की आशंका के चलते नजीबाबाद से सहारनपुर की ओर जाने वाली ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर दिया है। गांव गौसपुर में गंगा नदी का खेतों की ओर कटान किया गया है। कोटावाली रपटे पर भी पानी आने के कारण यातायात रोक दिया गया है।

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