पर्यटन के क्षेत्र में होने को है बड़ा बदलाव, स्वच्छता व सुरक्षा पर होगा विशेष ध्यान
नई दिल्ली। पर्यटन भारत के राजस्व को बढ़ाने का एक बड़ा माध्यम है। जिसके लिए पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता, कनेक्टिविटी और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है।
डॉ. शर्मा नई दिल्ली में आयोजित अतुल्य भारत टूरिज्म इन्वेस्टर्स समिट के पूर्ण सत्र को सम्बोधित कर रहे थे, जिसका विषय था ‘अतुल्य भारत में क्यों निवेश करें’।पर्यटन मंत्रालय द्वारा सीआईआई और भारतीय पर्यटन वित्त निगम लिमिटेड के सहयोग से पहली बार इस तरह का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है।
जिसमें इस बात पर विशेष जोर दिया कि भारत की सांस्कृतिक एवं भौगोलिक विविधता और गर्मजोशी भरे आतिथ्य की संस्कृति को ध्यान में रखते हुए भारत को पर्यटन के लिए एक पसंदीदा गंतव्य होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय ने पर्यटकों के लिए 12 भाषाओं में एक बहुभाषी हेल्पलाइन शुरू की है, जो दुनिया में अपनी तरह की अकेली हेल्पलाइन है।
कैसे बढ़ेगा पर्यटन
- नयी विमानन नीति से भी कनेक्टिविटी को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि यह भारत के पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने का सही समय है।
- सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि सुझाव दिया कि देश द्वारा की जाने वाली तरह-तरह की पेशकश को एक ‘पैकेज’ के रूप में प्रस्तुत करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्में और विज्ञापन भारत को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- भारत में फिल्म निर्माण को आसान बनाने के लिए मंत्रालय ने एकल खिड़की के रूप में फिल्म सहूलियत कार्यालय खोला है, ताकि समस्त मंजूरियां प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था राज्यों में भी की जानी चाहिए। मंत्रालय ने भारत में शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए सर्वाधिक फिल्म-अनुकूल राज्य पुरस्कार भी शुरू किया है।
- निवेशक यहां निवेश करने के लिए विविधीकृत उत्पाद पोर्टफोलियो में से अपने लिए किसी उपयुक्त उत्पाद का चयन कर सकते हैं।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने उन विभिन्न पहलुओं की ओर ध्यान दिलाया जिनकी बदौलत भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए विभिन्न क्षेत्रों को खोलना और सुधार भी इन विभिन्न पहलुओं में शामिल हैं। उन्होंने भारत में पर्यटन के लिए असीम अवसरों के रूप में डिजिटलीकरण और शहरीकरण पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि भविष्य में पर्यटक उभरती अर्थव्यवस्थाओं जैसे कि भारत, चीन और ब्राजील से आया करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत उपयुक्त सुविधाओं की पेशकश करके इन देशों के पर्यटकों की जरूरतों को पूरा कर सकता है।
आईटीसी के कार्यकारी निदेशक नकुल आनंद ने अनुकूल कर व्यवस्था कायम करने की जरूरत पर विशेष बल दिया और उन देशों का उदाहरण पेश किया जहां अपेक्षाकृत कम टैक्स दरों की बदौलत बड़ी संख्या में सैलानी आया करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को सतत पर्यटन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए।
फैबइंडिया के सीईओ विलियम बिसेल ने इस अवसर पर फैबइंडिया की सफलता की गाथा साझा की, जिसकी स्थापना भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए की गई है और जिसके तहत बेहतर पैकेजिंग एवं विपणन पर विशेष जोर दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि पैकेजिंग के साथ-साथ एक पर्यटन गंतव्य के रूप में भारत को पेश करने पर और ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए। बिसेल ने कहा कि हस्तशिल्प क्षेत्र बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देता है।
लुलु फाइनेंसियल्स के प्रबंध निदेशक अदीब अहमद ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में भारत को भारी बढ़त हासिल है क्योंकि यहां कोई ऑफ-सीजन नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न पहलुओं जैसे कि तटीय विकास पर पाबंदियों से सबंधित नीतियों को दुरुस्त एवं संशेधित करने से पर्यटन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।
सीआईआई के अध्यक्ष और फोर्ब्स मार्शल के सह-अध्यक्ष डॉ. नौशाद फोर्ब्स ने कहा कि भारत में पर्यटकों के आगमन में और ज्यादा वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए उद्योग जगत और सरकार को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विभिन्न तरह के अभियानों के जरिये पर्यटकों की अवधारणा में बदलाव लाकर यह लक्ष्य पाया जा सकता है।
इसी तरह पर्यटकों को होने वाले अनुभवों में बदलाव लाकर भी इस लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। उन्होंने ई-वीजा योजना की सराहना करते हुए कहा कि कनेक्टिविटी, मनोरंजन एवं पर्यटन से जुड़े अन्य अनुभवों को बेहतर करने की दिशा में सतत प्रयास करने से भारत में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।