न्याय की तलाश में भटक रही तेजाब पीड़िता ने खून से लिखा पत्र, जानें पूरा मामला

रिपोर्ट- आयुष भारद्वाज।

कासगंज-जहां एक और प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सुनावई और कार्यवाही के लाख दावे कर रही हो। वहीं दूसरी तरफ धरातल पर तस्वीर बिल्कुल विपरीत है। कासगंज में एक तेजाब पीड़िता न्याय मांगने के लिए पिछले 1 साल से दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर है।

तेजाब पीड़िता आलाधिकारियों की चौखट पर न्याय की भीख मांग रही है। लेकिन खाकी वर्दी का कलेजा फिर भी नहीं पसीजा तो महिला ने अब अपने खून से पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।

जमीनी विवाद के चलते महिला को परिवार के ही कुछ दबंगों ने तेजाब डालकर जला दिया। यासमीन पिछले 1 साल से कभी चौकी, कभी थाने तो कभी आलाधिकारियों की चौखट खटखटा रही है। लेकिन योगी की खाकी का कलेजा नहीं पसीजा।

महिला का आरोप है कि करीब एक साल पहले जमीनी विवाद के चलते उस पर तेजाब फेंक दिया गया था। यहाँ तक कि पुलिस ने पैसों की खातिर 2 बार एफआर भी लगा दी।कार्यवाही के नाम पर अगर यासमीन को कुछ मिला तो सिर्फ जूठी तसल्ली। यासमीन योगी की खाकी से तंग आ कर अब आत्महत्या तक कर लेने की बात कह रही है। यासमीन की सिसकियां सबूत हैं इस बात का कि वह सिस्टम के इस चक्कर से परेशान हो चुकी है।

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वहीं इस मामले पर जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने बताया कि महिला ने प्रार्थना पत्र देकर यह अपेक्षा की है कि विवेचना किसी अन्य थाने में ट्रांसफर कर दी जाए। इस आधार पर महिला की विवेचना को सहावर थाने में ट्रांसफर कर दी गयी है।

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