बैंक के चक्कर लगाते-लगाते महिला की मौत, चंदा मांग किया गया अंतिम संस्कार

नोटबंदी से परेशान महिलाबहराइच। बीच सड़क पर नोटबंदी से परेशान महिला की मौत होने का मामला सामने आया है। यह महिला काफी दिनों से बैंक के चक्कर लगा रही थी। लेकिन भरसक कोशिशों के बावजूद अपने खाते में जमा पैसा न निकाल पायी। ख़बरों की माने तो कभी पैसा न होने की बात सामने आती तो कभी लाइन में लगकर इंतजार करते-करते बारी आने पर पैसा खत्म हो जाता। दोपहर में जब वह बैंक में कैश न होने की बात पर घर लौट रही थी तो बैंक से कुछ दूरी पर चक्कर खाकर गिर पड़ी। यहां पर थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई।

नोटबंदी से परेशान महिला की मौत

कैसरगंज थाना अंतर्गत चिलवा संग्रामपुर निवासी 55 वर्षीय बिटाना विधवा पेंशन धारक है। बिटाना की बहू शांती को चार दिन पूर्व प्रसव हुआ है। लेकिन प्रसव के बाद से बहू की तबियत खराब चल रही है।

इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी। इसके चलते बिटाना कैसरगंज के इलाहाबाद बैंक में अपने खाते में जमा कुछ रुपये को निकालने की जुगत में थी।

वह चार दिन से बैंक पहुंचती। लेकिन कभी लाइन में खड़े होने पर बारी आने पर पैसा खत्म हो जाता तो कभी बैंक में कैश न होने की बात पर वापस लौटना पड़ता।

सुबह बिटाना फिर बैंक पहुंची, लेकिन कैश न होने की बात बताई गई। दोपहर तक इंतजार करने के बाद जब वह घर लौटने लगी तो बैंक से कुछ दूरी पर रास्ते में चक्कर खाकर गिर गई। उसके बाद उसकी मौत हो गई।

सूचना घर पहुंची तो कोहराम मच गया। बिटाना के अंतिम संस्कार के लिए घर में पैसा नहीं था। बहू शांती व मृतका के छोटे पुत्र देशराज ने मां के अंतिम संस्कार के लिए पैसा न होने की बात प्रधान प्रतिनिधि से बताई। इस पर प्रधान प्रतिनिधि ने ग्रामीणों से चंदा एकत्रित कर अंतिम संस्कार का इंतजाम करवाया।

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