नोटबंदी के दौरान किया था लाखों का हेर-फेर, सीबीआई ने दो बैंक अधिकारियों को पहुंचाया जेल

सीबीआई हैदराबाद | केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के दो अधिकारियों को नोटबंदी के दौरान लागू किए गए आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर लगभग 12.40 लाख रुपये का घोटाला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में एसबीआई की बुचीरेड्डीपलेम शाखा में नियुक्त वरिष्ठ विशेष सहायक एम. सुल्तान मोइउद्दीन और उप प्रबंधक (संचालन) आई.जे. शेखर को मंगलवार को उनके आधिकारिक और आवासीय परिसर पर मारे गए छापे के दौरान गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई को छापे के दौरान कई दस्तावेज भी मिले हैं,  जो उनके गुनहगार होने की ओर इशारा करते हैं। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि बैंक अधिकारियों को आपराधिक साजिश,  धोखाधड़ी,  आपराधिक विश्वासघात और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।

सीबीआई अधिकारी ने बताया कि आरोप है कि एसबीआई के अधिकारियों ने 15 से 25 नवंबर के बीच कुछ लोगों के साथ आपराधिक सांठगांठ की थी,  जब नोटबंदी लागू थी और नए नोटों के वितरण पर प्रतिबंध लगा हुआ था।

अधिकारी ने बताया कि मोइउद्दीन ने कथित तौर पर ‘बेनामी’ तौर पर 9.70 लाख रुपये मूल्य के चार गोल्ड लोन लिए थे। शेखर ने इनके लिए मंजूरी दी थी।

सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एसबीआई अधिकारियों ने अन्य व्यक्तियों को 2.70 लाख रुपये मूल्य की लागत के तीन और गोल्ड लोन भी दिए थे और ऋण का भुगतान नोटबंदी के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक में नई मुद्रा में किया था।

अधिकारी ने कहा इसके बाद  21 नवंबर  2016 और 25 नवंबर  2016 को 1,000 रुपये और 500 रुपए के पुराने नोट जमा कराके दो बेनामी गोल्ड लोन्स को बंद कर दिया गया। इस प्रकार आरोपियों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और 12.40 रुपये मूल्य के धन का घोटाला किया है।

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