नैनीताल हाईकोर्ट ने जज और संयुक्त निदेशक को किया सस्पेंड

नैनीताल हाईकोर्टदेहरादून। उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी (उजाला) के संयुक्त निदेशक समेत दो जजों को निलंबित कर दिया गया है। सेवा नियमावली के उल्लंघन पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ ने इस बाबत आदेश जारी किया।

विभागीय जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायाधीश को कुछ समय पहले निचली अदालतों के तीन जजों के बारे में शिकायत मिली थीं। उन पर सेवा नियमावलियों के उल्लंघन के आरोप थे।

इन जजों में भवाली स्थित न्यायिक अकादमी के संयुक्त निदेशक प्रदीप कुमार, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय सुश्री दुर्गा और लेबर कोर्ट ट्रिब्यूनल की सिविल जज नीतू जोशी शामिल थीं।

मुख्य न्यायाधीश की ओर से रजिस्ट्रार विजिलेंस नरेंद्र दत्त को जांच सौंपी गई थी। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में शिकायतों की पुष्टि हुई है। इसके बाद मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की ओर से संयुक्त निदेशक प्रदीप कुमार और न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय सुश्री दुर्गा को निलंबित करने का आदेश दे दिया गया। दोनों को नैनीताल जिला कोर्ट से संबद्ध किया गया है। लेबर कोर्ट की पीठासीन अधिकारी नीतू जोशी को सोमवार को ही निलंबित कर दिया गया था। उन्हें ऊधमसिंह नगर न्यायालय से संबद्ध किया गया है।

संयुक्त निदेशक लिखते थे जज के फैसले

हल्द्वानी में तैनात न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय दुर्गा की अदालत में चलने वाले मामलों में आदेश संयुक्त निदेशक प्रदीप कुमार के जरिये लिखे जाने की शिकायत थी। बताया गया था कि हल्द्वानी कोर्ट में सिर्फ आदेश पढ़े जाते हैं। मामले में जांच टीम ने दो दिसंबर (शुक्रवार) की रात आठ बजे न्यायिक दंडाधिकारी का कार्यालय और संबंधित कंप्यूटर सील कर दिए थे। तीन दिसंबर को सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक दंडाधिकारी दुर्गा से पूछताछ की गई। इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर मुख्य न्यायाधीश को सौंपी गई थी।

लेबर सिविल जज पर किराया न देने का आरोप

देहरादून निवासी एक सैन्य अधिकारी ने पुलिस शिकायत प्राधिकरण में हल्द्वानी लेबर कोर्ट की सिविल जज नीतू जोशी के खिलाफ शिकायत दी थी कि जोशी ने उनका घर किराये पर लिया था, लेकिन दो साल तक किराया नहीं दिया। इसके अलावा जोशी पर ट्रांसफर के बावजूद प्राधिकरण का दो लाख का सामान नहीं लौटाने का भी आरोप था। जांच में पुष्टि के बाद सिविल जज जोशी को निलंबित कर दिया गया।

LIVE TV