पिता ने कारगिल लड़ा, बेटी नेशनल प्लेयर… फिर भी रोज लुट रही ‘इज्जत’

नेशनल प्लेयर से छेड़छाड़कानपुर। कानपुर में 18 महीनों से बास्केटबॉल की नेशनल प्लेयर से छेड़छाड़ हो रही है। उसकी इज्जत को किसी भी समय नीलाम करने की कोशिश की जा रही है। खिलाड़ी 11वीं की छात्रा है। खिलाड़ी का खुला आरोप है कि इस दुस्साहस के पीछे जिन लोगों का हाथ है, उन पर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी का हाथ है। इस कारण कई बार एफआईआर कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी। आज इस खिलाड़ी का परिवार इतना परेशान हो गया है कि खुद का घर बेच कहीं और ठिकाना ढूँढने को मजबूर है।

नेशनल प्लेयर से छेड़छाड़

ख़बरों के मुताबिक़ कानपुर में नेशनल बास्केटबॉल प्लेयर शोहदों के आतंक से परेशान होकर 18 माह से घर में कैद है। पुलिस पीड़ित परिवार पर समझौते का दबाव बना रही है।

बता दें इस खिलाड़ी के पिता भी कोई आम इंसान नहीं हैं उन्होंने देश के लिए कारगिल का युद्ध लड़ा है। उनका कहना है कि हमने तो देश की रक्षा की पर अब हमारी इज्जत की रक्षा करने वाला कोई नहीं है।

इस खिलाड़ी के पिता बेटी के साथ हो रही इन हरकतों से खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं। वे इतने लाचार हैं कि उनके मुंह से बस एक ही बात निकल रही है कि देश के अन्दर मौजूद इन आतंकियों से मेरे परिवार को बचा लो।

वहीं इस खिलाड़ी का दर्द उसके आँखों में छलकते हुए आंसू बयान कर रहे हैं। जो लड़की इतनी कम उम्र में अपने शहर से बाहर निकल देश में अपना नाम लिखने के सपने देख रही है। आज वह अपने घर से निकलने से भी डर रही है।

बास्केटबॉल की इस नेशनल प्लेयर ने 7 गोल्ड मैडल ,5 सिल्वर और एक ब्राउंज मेडल हासिल किए हैं और कोलकत्ता, हैदराबाद ,दिल्ली तक खेल चुकी है।

खिलाड़ी का कहना है कि मोहल्ले में रहने वाले सुनील यादव और अनिल यादव अक्सर छेड़छाड़ करते है। जब भी प्रक्टिस या कोचिंग के लिए जाती तो कही चुन्नी पकड़ कर खींचते हैं तो कभी मेरा हाथ पकड़ कर कहते चलो मेरे साथ। जब भी इस खिलाड़ी ने इन हरकतों का विरोध किया तो उसे ये शोहदे गालियाँ बकते हैं। घर आकर माँ और पिता को यह बात बताई तो मारपीट पर भी उतारू हो गए।

खिलाड़ी के परिवार ने नेशनल प्लेयर से छेड़छाड़ की पहली शिकायत 7 जुलाई 2015 में स्थानीय सनिगावा चौकी में दर्ज कराई थी जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसके बाद भी आरोपी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आये 21 नवंबर2015 और 2 फरवरी 2016 में भी स्थानीय चौकी में शिकायत की। खिलाड़ी के परिवार का आरोप है कि समाजवादी पार्टी का इन शोहदों पर हाथ है, इसीलिए पुलिस भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ रही है।

बीते 3 अप्रैल को आरोपियों ने घर में घुसकर हमला कर दिया और उनके साथ मारपीट की। इसके बावजूद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 18 नवंबर 2016 को आरोपियों ने फिर उसका रास्ते में हाथ पकड़ लिया और छेड़छाड़ की।

इसके बार जब खिलाड़ी के परिवार ने पुलिस पर रिपोर्ट दर्ज करने का और एक्शन लेने के लिए दबाव बनाया तो मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया लेकिन। कार्रवाई फिर भी नहीं की गयी।

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