नेपाल ने जारी किया नए नक्शा,कालापानी और लिपुलेख को बताया नेपाल का हिस्सा …

काठमांडू।भारत के पड़ोसी देश  नेपाल ने अपने विवादित क्षेत्र का नया मैप जारी कर दिया है। जिसमें नेपाल ने भारत के 3 इलाको को अपने क्षेत्र में दर्शाया गया है। नेपाल मैप के अनुसार कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा हिस्सा नेपाल में आता,जबकि यह भारत में आते है।नेपाल के वित्त मंत्री युबराज खाटीवाडा ने नया नक्शा जारी करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अपडेटेड नक्शे को मंत्रिपरिषद की बैठक में रखा गया, जहां इसे मंजूरी दे दी गई। इस नक्शे को सभी सरकारी दस्तावेजों पर इस्तेमाल किया जाएगा। देश के प्रतीक चिन्हों पर भी अब से यही नक्शा होगा। 

लिपुलेख मार्ग के उद्घाटन के बाद नेपाल ने आपत्ति जताई थी
भारत ने 8 मई को लिपुलेख-धाराचूला मार्ग का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसे एकतरफा फैसला बताते हुए आपत्ति जताई थी। उसका दावा है कि महाकाली नदी के पूर्व का पूरा इलाका नेपाल की सीमा में आता है। जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि लिपुलेख हमारे सीमा क्षेत्र में आता है और लिपुलेख मार्ग से पहले भी मानसरोवर यात्रा होती रही है। हमने अब सिर्फ इसी रास्ते पर निर्माण कर तीर्थ यात्रियों, स्थानीय लोगों और कारोबारियों के लिए आवागमन को सुगम बनाया है।

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भारत ने नवम्बर 2019 में जारी किया था अपना नक्शा
भारत ने अपना नया राजनीतिक नक्शा 2 नवम्बर 2019 को जारी किया था। इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने सर्वेक्षण विभाग के साथ मिलकर तैयार किया है। इसमें कालापानी, लिंपियधुरा और लिपुलेख इलाके को भारतीय क्षेत्र में बताया गया है। नेपाल ने उस समय भी इस पर एेतराज जताया था। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीमा से किसी प्रकार की छेड़छाड़ से इनकार किया था। विदेश मंत्रालया ने कहा था कि नए नक्शे में नेपाल से सटी सीमा में बदलाव नहीं है। हमारा नक्शा भारत के संप्रभु क्षेत्र को दर्शाता है।
कब से और क्यों है विवाद?
नेपाल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1816 में  एंग्लो-नेपाल युद्ध के बाद सुगौली समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसमें काली नदी को भारत और नेपाल की पश्चिमी सीमा के तौर पर दर्शाया गया है। इसी के आधार पर नेपाल लिपुलेख और अन्य तीन क्षेत्र अपने अधिकार क्षेत्र में होने का दावा करता है। हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। दोनों  देशों के पास अपने-अपने नक्शे हैं जिसमें विवादित क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में दिखाया गया है।

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