लालू की निगाह टेढ़ी होने से पहले एक्शन में आए नीतीश, सीएम पद से दिया इस्तीफ़ा

नीतीश का इस्तीफापटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बीते कई महीनों से महागठबंधन में चल रहे विवाद के बीच नीतीश ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

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इसके साथ ही बिहार की 20 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार गिर गई। महागठबंधन में नीतीश की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल थीं।

राजद अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बेटे और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी के बाद उनके इस्तीफे की मांग उठी थी, जिसे लेकर महागठबंधन में दरारें पैदा हो गई थीं।

बता दें महागठबंधन में जारी तकरार के बीच आज राजद विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार भी तेजस्वी के इस्तीफे की बात नहीं की।

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लालू प्रसाद ने एक बार फिर से स्पष्ट करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे। तेजस्वी के इस्तीफे के मुद्दे पर राजद की दो टूक के बाद एक अणे मार्ग पर आयोजित जदयू विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया और राजभवन पहुंच गये। जहां उन्होंने राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

सीएम नीतीश कुमार के आवास पर शाम करीब छह बजे शुरू हुई इस बैठक में पार्टी के सभी विधायकों मौजूद हुए। बैठक में नीतीश कुमार की आेर से किसी बड़े फैसले की उम्मीद जतायी जा रही थी।

इससे पहले बीते दिनों जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके है।

बताया जाता है कि इस दौरान नीतीश कुमार ने कांग्रेस के दोनों प्रमुख नेताओं से बिहार के सियासी हालात पर चर्चा की। दिल्ली से मंगलवार को वापस पटना पहुंचने के साथ ही तेजस्वी के मुद्दे पर जदयू की ओर से किसी फैसले की चर्चा को लेकर सूबे में सियासी पारा गरम है। इसी कड़ी में जदयू विधायक दल की बैठक को अहम माना जा रहा है। बता दें कि जदयू विधायक दल की आज शाम होनेवाली यह बैठक पहले गुरुवार को होने वाली थी।

इससे पहले राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि राजद-जदयू के बीच चल रही तनातनी अब ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। जदयू की ओर से राजद को स्पष्ट तौर पर बता दिया गया है। यदि राजद की ओर से समय रहते कोई पहल नहीं होती है, तो मुख्यमंत्री अपने विशेषाधिकार का भी प्रयोग कर सकते हैं।

मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शांत दिखे। मीडिया से कुछ भी बोलने से परहेज किया।

जब मीडिया ने बार-बार उनसे इस मसले पर बोलने का अाग्रह किया, तो उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महासचि व केसी त्यागी की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस मामले के लिए वही अधिकृत हैं। नीतीश कुमार खुलकर नहीं बोले, लेकिन उनकी इस चुप्पी के भी निहितार्थ निकाले गये।

देखें वीडियो :-

https://youtu.be/GlMO30K_Kr4

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