NEET को टालने पर राष्ट्रपति ने केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण

नीटनई दिल्ली| केंद्र सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिब्लिट कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) को एक साल के लिए टालने के लिए लाए गए अध्यादेश पर दस्तखत करने से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से राष्ट्रपति ने इस बारे में सरकार का पक्ष रखने को कहा है| उन्होनें पूछा है कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमत होने के बाद केंद्र सरकार ये अध्यादेश ला रही है| राष्ट्रपति ने इस मामले में कानूनी सलाह ली है।

नीट के लिए अध्यादेश

शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग में ये अध्यादेश पारित किया गया है| इससे नीट के जरिए सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक साल के लिए रोक लग जाएगी।

इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कोई असमंजस वाली स्थिति नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘नीट को लागू कर दिया गया है। लेकिन राज्य सरकारों की कुछ चिंताएं हैं| इनमें, राज्यों में चल रही परीक्षाएं, पाठ्यक्रम की समानता और नीट परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा में लिखने का विकल्प प्रमुख हैं|

वहीँ, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने नीट को टालने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है| पार्टियों का आरोप है कि निजी मेडिकल कॉलेजों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।

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