निरोगी काया, धन और सुख पाने के लिए अपनाये ये उपाय
निरोगी काया, धन और सुख की चाहत हर इंसान की होती है। लेकिन अक्सर लोग पहले धन कमाने के लिए अपने शरीर की तरफ ध्यान नहीं देते, शरीर को समय से पोषण नही मिलता और परिणाम ये होता है कि हमारा शरीर कई बीमारियों का शिकार हो जाता है।
अब वही इंसान मेहनत से अपने कमाये हुए धन को अपना स्वास्थ्य शरीर वापस पाने के लिए खर्च करता है। पहले धन के लिए स्वास्थ्य खर्च करना और फिर स्वास्थ्य के लिए धन खर्च करना अपने जीवन को दुख की तरफ ढकेलना है। हम यहां आपको बता रहे हैं सुख पाने के उपाय जिनका ध्यान रखकर आप न सिर्फ अपने शरीर को स्वास्थ्य रख सकते हैं बल्कि जीवन का वास्तविक सुख भी प्राप्त कर सकते हैं।
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सुख पाने के उपाय
अगर सुख की नींद सोना हो तो सोते समय ‘चिंता’ न करें, प्रभुनाम का ‘चिंतन’ करें।
पाचन शक्ति ठीक रखनी हो तो ठीक वक्त पर भोजन करें और प्रत्येक कौर को 32 बार चबाएँ।
यदि यौनशक्ति ठीक रखनी हो तो कामुक चिंतन न किया करें और सप्ताह में एक से अधिक बार सहवास न किया करें।
यदि आप मुफ्त में स्वस्थ और चुस्त बने रहना चाहते हैं तो आपको तीन काम करना चाहिए। पहला तो प्रातः जल्दी उठकर वायु सेवन के लिए लम्बी सैर के लिए जाना और दूसरा ठीक वक्त पर खूब अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना तथा तीसरा दोनों वक्त शौच अवश्य जाना।
बीमारी की अवस्था में, बीमारी से मुक्त होने के बाद, भोजन करने के बाद, परिश्रम या यात्रा से थके होने पर प्रातःकाल तथा सूर्यास्त के समय और उपवास करते समय विषय भोग करना बहुत हानिकारक होता है।
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सुख पाने के उपाय जो बनाएंगे जीवन मधुर
यदि आप सुख चाहते हैं तो दुःख देने वाला काम न करें, यदि आप आनंद चाहते हैं तो स्वास्थ्य की रक्षा करें। यदि आप स्वास्थ्य चाहते हैं तो करें। संसार के सब सुख स्वस्थ व्यक्ति ही भोग सकता है। कहा भी गया है- पहला सुख निरोगी काया।
यह गलतफहमी है कि अण्डा, माँस खाने से बल बढ़ता है और शराब पीने से आनंद आता है। अण्डा, माँस खाने से शरीर मोटा-तगड़ा जरूर हो सकता है पर कुछ बीमारियाँ भी इसी से पैदा होती हैं। शराब पीने से आनंद नहीं आता, बेहोशी आती है और बीमारियाँ होती हैं।
अपनी आर्थिक शक्ति से अधिक धन खर्च करने वाला कर्जदार हो जाता है। अपनी शारीरिक शक्ति से अधिक श्रम करने वाला कमजोर हो जाता है।
अपनी क्षमता से अधिक विषय भोग करने वाला जल्दी बूढ़ा और नपुंसक हो जाता है और अपने से अधिक बलवान से शत्रुता करने वाला नष्ट हो जाता है।
भोजन करते समय और सोते समय किसी भी प्रकार की चिंता, क्रोध या शोक नहीं करना चाहिए। भोजन से पहले हाथ और सोने से पहले पैर धोना तथा दोनों वक्त मुँह साफ करना हितकारी होता है।