आरएसएस के करीबी भटकर बने नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति

नई दिल्ली: देश के जाने माने वैज्ञानिक डॉ विजय पांडुरंग भटकर को नालंदा विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है 70 वर्षीय भटकर पूर्व कुलपति गोपा सब्बरवाल की जगह लेंगे, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भटकर को तीन साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया है।

11 अक्बटूर 1946 को पुणे में जन्मे भटकर नें वड़ोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी, नागपुर के सर विश्वेसरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी और दिल्ली आईआईटी से पढ़ाई की है।

पद्मश्री और पद्म भूषण से हैं भटकर

श्री भटकर केंद्र सरकार के साइंटिफिक एडवायजरी कमिटी और काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के गवर्निंग बोर्ड के सदस्य रहे हैं।

भटकर को सन 2000 में पद्म श्री और 2015 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

वो महाराष्ट्र और गोवा में ई-गवर्नेंस कमिटी के चेयरमैन भी रहे हैं।

श्री भटकर अबतक 12 किताब और 80 रिसर्च पेपर पेश कर चुके हैं उन्हें संत ध्यानेश्वर विश्व शांति पुरस्कार, लोकमान्य तिलक अवार्ड के अलावा कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

आरएसएस के करीबी रहें है भटकर

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन विजन भारती से जुड़े रहे भटकर को केंद्र सरकार ने 2015 में सेंट्रल एडवायजरी बोर्ड फॉर एजुकेशन का सदस्य नियुक्त किया और उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव करने का जिम्मा दिया गया।

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