125 मतों के साथ राज्यसभा में भी पास हुआ नागरिकता संशोधन बिल, कांग्रेस अभी भी पीछे नहीं

कल बुधवार को मोदी सरकार-2 के नाम एक और ऐतिहासिक जीत दर्ज हो गई है. कल यानि बुधवार को राज्यसभा में लोकसभा के बाद नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. राज्यसभा में दोपहर 2 बजे से इस बिल पर चर्चा हो रही थी रात में इस बिल पर वोटिंग हुई. वोटिंग के दौरान पक्ष में 125 और विरोध में 99 वोट पड़े. जिसके यह बिल राज्यसभा में भी पास हो गया. अब केवल राष्ट्रपति की इस बिस पर मुहर लगनी है.

नागरिकता संशोधन बिल

कांग्रेस ने दिए कोर्ट जाने के संकेत

संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो जाने के बाद भी कांग्रेस हार मानने वाली नहीं है. संसद में बिल का भारी विरोध करने के बाद अब कांग्रेस इस बिल को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस नेता और राज्यसभा में बिल का मुखर विरोध करने वाले सांसद कपिल सिब्बल से जब यह पूछा गया कि क्या वे बिल को कोर्ट में चैलेंज करेंगे तो उन्होंने कहा कि ‘देखेंगे’.

जमीअत उलेमा-ए-हिंद भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी

लोकसभा के बाद राज्यसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए अध्यक्ष जमीयत उलेमा-ए-हिन्द मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि विधेयक संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है, इसलिए जमीयत-ए-उलेमा इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.

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उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा से मंजूरी के बाद, हमारी पूरी कोशिश थी कि विधेयक को राज्यसभा में पारित न किया जाए. इसके लिए हमने न केवल विभिन्न दलों के नेताओं के साथ संपर्क किया, बल्कि उन्हें आश्वस्त भी किया कि इस खतरनाक बिल के निहितार्थ क्या हैं. लेकिन दुख की बात है कि खुद को सेक्युलर कहने वाली पार्टियों ने अपने गैरजिम्मेदाराना रवैये का सुबूत दिया और यह बिल राज्यसभा से भी पास हो गया.

विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 औऱ 15 का उलंघन करता है. इसके हिसाब से यह साफ कहा गया था कि देश किसी भी नागरिक के साथ धर्म और जातपात के आधार पर भेदभाव नहीं करता है. साथ ही हर नागरिक के साथ समान व्यवहार किया जाएगा. मौलाना मदनी के हिसाब से इस बिल को धर्म से दूर हटके बनाया गया है. साथ ही यह भेदभाव भी पैदा करेगा.

 

 

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