नहीं रहे BJP के दिग्गज सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, हुए थे कोरोना संक्रमित

• मोहम्मद हारिस सिद्दीकी

कोरोना संक्रमित भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दम तोड़ दिया। 68 वर्षीय नंदकुमार सिंह मध्य प्रदेश के खंडवा लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद थे। 11 जनवरी को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनका भोपाल के अस्पताल में इलाज चल रहा था लेकिन तबियत ज्यादा बिगड़ने के कारण उन्हें एक महीने पहले ही मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के सांसद के निधन पे दुख जताते हुए कहा कि ‘खंडवा से लोकसभा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से दुखी हूं, उन्हें मध्य प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने के संगठनात्मक कौशल और प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। उनके परिवार के प्रति संवेदना।’


देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस्पे अपना दुःख व्यक्त करते हुए कहा,’ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व खंडवा से सांसद नंदकुमार सिंह चौहान जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ, उनका सम्पूर्ण जीवन जनसेवा को समर्पित रहा, उन्होंने मध्यप्रदेश में संगठन के विस्तार में अहम भूमिका निभाई, मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने राज्य के सांसद के निधन के बाद ट्विटर पे लिखा कि, ‘लोकप्रिय जननेता नंदू भैया, हम सबको छोड़कर चले गये, हमारे सब प्रयास विफल हुए, नंदू भैया के रूप में बीजेपी ने एक आदर्श कार्यकर्ता, कुशल संगठक, समर्पित जननेता को खो दिया, मैं व्यथित हूं, नंदू भैया का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।’


उन्होंने आगे कहा, ‘प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नंदू भैया ने अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया, नंदू भैया की पार्थिव देह आज उनके गृह ग्राम पहुंचेगी, कल हम सब उन्हें विदाई देंगे, मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।’ खबर है की कि सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का पार्थिव शरीर आज खंडवा लाने की बाद शाहपुर ले जाया जाएगा।


राजनेता नंदकुमार सिंह का राजनीतिक सफर शाहपुर नगरपालिका से शुरू हुआ था। लगातार दो बार बुरहानपुर से विधायक रहने से पहले वो 3 साल तक शाहपुर नगरपालिका अध्यक्ष रहे। खंडवा सीट से 1996 में उनकी लोकसभा में एंट्री हुई।1998 और 1999 में भी वो इसी सीट से लोकसभा में बने रहे।


2004 लोक सभा चुनाव में भी उनकी जीत हुई लेकिन 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव से उनको करारी हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद उन्हें भाजपा अध्यक्ष बना दिया गया।
2014 का लोक सभा चुनाव आया और दुबारा उन्होंने खंडवासीट से जीत हासिल कर ली और दोबारा प्रदेश अध्यक्ष भी बन गए मगर संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य पूरा करने का कारण बताते हुए उन्होंने 2018 में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। 2019 के लोक सभा चुनाव में उन्होंने एक बार और खंडवा सीट से जीत हासिल की।

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