नहीं हो पाया पूरा नवाज़ुद्दीन के बचपन का सपना

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकीमुंबई : एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को बॉलीवुड में उनकी एक्टिंग के लिए हमेशा सराहा जाता है.

लेकिन उनके गांव के लोगों ने ही उनकी एक्टिंग की कद्र नहीं की.

नवाजुद्दीन मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना गांव के रहने वाले हैं.

नवाजुद्दीन को शिवसेना ने रामलीला में शामिल नहीं होने दिया.

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नवाज़ुद्दीन मारीच का रोल इसलिए करना चाहते थे क्योंकि मारीच की मृत्यु राम के बाणों से होती है.

दरअसल उनके गांव की रामलीला कमेटी चाहती थी कि वह रामलीला में मारीच का रोल निभाएं.

इस रोल के लिए नवाजुद्दीन ने पूरी मेहनत के साथ रिहर्सल की थी.

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नवाजुद्दीन रामलीला में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.

जब नवाजुद्दीन ग्रीन रूम में तैयार हो रहे थे.

तब शिवसेना के लोगों ने वहां पहुंचकर उनका विरोध करना शुरू कर दिया और उन्हें रामलीला में शामिल होने से रोक दिया.

इस विरोध के बाद नवाजुद्दीन वापस घर चले गए.

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी हैं दुखी

नवाजुद्दीन इस घटना से बेहद दुखी हैं. अपने इस दर्द को बयां करने के लिए नवाज़ुद्दीन ने कहा, मेरा बचपन का सपना पूरा नहीं हुआ लेकिन अगले साल मैं जरूर रामलीला का हिस्सा बनूंगा.

नवाज़ुद्दीन ने रामलीला रिहर्सल का एक वीडियो शेयर किया है.

 

मुजफ्फरनगर शिवसेना के जिला उप प्रमुख मुकेश शर्मा ने कहा, ‘नवाजुद्दीन को हम रामलीला नहीं करने देंगे. रामलीला के 50 साल के इतिहास में किसी भी ‘दीन’ नाम के व्‍यक्ति ने रामलीला में कोई रोल नहीं किया है’.

शिवसेना के मनोज सैनी ने कहा, ”अगर नवाजुद्दीन ने यहां रामलीला करने की भूल की तो उन्‍हें शिवसेना स्‍टाइल में पाठ पढ़ाया जाएगा. वह मुंबई में रहते हैं. उन्‍हें पता नहीं कि शिवसेना का स्‍टाइल क्‍या है?”

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