नमामि गंगे : पांच राज्यों में 300 प्रोजेक्ट्स आज होंगे लांच

नमामि गंगेनई दिल्ली। गंगा को स्‍वच्‍छ और साफ बनाने के लिए मोदी सरकार अपनी महत्‍वकांक्षी योजना नमामि गंगे के तहत 300 परियोजनाओं को पूरे देश में एक साथ लांच करने जा रही है। इसमें पवित्र नदी गंगा को स्वच्छ करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और गंगा के बहाव को अवरोध मुक्त करना शामिल है। 300 परियोजनाओं में से 231 प्रोजेक्ट आज लांच किए जाएंगे।

परियोजनाओं की शुरुआत नदी के किनारों को सुंदर बनाने से होगी। घाटों, शमशान घाटों के निर्माण और मरम्मत से होगी। साथ ही यहां लगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की मरम्मत होगी और नए प्लांट लगाए जाएंगे। इसी के साथ-साथ गंगा के किनारे वाले पांच राज्यों में 104 स्थानों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। गंगा ग्राम योजना में नदी से लगे 400 गांवों को वेस्ट मैनेजमेंट में शामिल किया जाएगा। 13 आइआइटी ने गंगा ग्राम में विकास के लिए पांच गांवों को गोद लिया है।

नमामि गंगे : पांच गंगा बेसिन राज्‍यों पर जोर

इन परियोजनाओं को पांच गंगा बेसिन वाले राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ ही दिल्ली और हरियाणा में भी यमुना और गंगा की सहायक नदियों में लांच किया जाएगा। आठ बायोडायवर्सिटीज सेंटर बनाए जाएंगे। इन्हें ऋषिकेश, देहरादून, नरोरा, इलाहाबाद, वाराणसी, भागलपुर, साहिबगंज और बैरकपुर में स्थापित किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उमा भारती, नरेंद्र तोमर और महेश शर्मा हरिद्वार में पूरे हो चुके कुछ प्रोजेक्ट को लांच करेंगे। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल होंगे। उमा भारती ने बताया कि इतने बड़े पैमाने पर नदी की सफाई का यह काम ऐतिहासिक घटना है। इससे पहले यह काम इतने बड़े पैमाने कभी नहीं हुआ था। वह गंगा की सफाई का पहला चरम अक्टूबर 2016 में दिखाएंगे।

दूसरा चरण उसके दो साल बाद पूरा होगा। सरकार गुरुवार को एक ऐप भी लांच करेगी जिससे नदी में प्रदूषण के स्तर की निगरानी की जा सकेगी।

इस मौके पर गडकरी, नवनियुक्त जल संसाधन राज्य मंत्री विजय गोयल और संजीव बालियान भी मौजूद थे। इन दोनों के जल संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री बनने पर उमा भारती ने कहा कि इससे काम का बोझ कम होगा। खासकर नदियों को जोड़ने और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के साथ नमामि गंगे कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाया जा सकेगा। संजीव बालियान कृषि विशेषज्ञ हैं।

गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में टेनरियों, चीनी मिलों, डिस्टेलरियों और अन्य औद्योगिक इकाइयों के चलते गंगा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। सरकार ने इस समस्या का अध्ययन किया है। इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है। योजनाओं पर काम राज्यों के सहयोग से ही होगा। उनके गृह नगर नागपुर में नाली के पानी को ट्रीट करके उसका फिर से इस्तेमाल करने पर भी विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का डीपीआर तैयार है और इस बारे में जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे।

गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय गंगा में परिवहन परियोजना के लिए तेजी से काम कर रहा है। वाराणसी से लेकर हल्दिया तक के 1620 किमी लंबे दूरी में नदी में जहाज के परिवहन के लिए पर्याप्त पानी है। सरकार जल्द ही 45 नदी बंदरगाहों का निर्माण करेगी। इनमें से पांच पर रोरो सेवा भी होगी। इन पांच स्थानों में पटना और साहिबगंज शामिल हैं।

 

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