नए साल पर ममता को BJP की मिली चुनौती, क्या टीएमसी करेगी स्वीकार?

नए साल के बाद अब पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनावों (State Assembly Elections) के लिए कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी तैयारियों में जट चुकी है। बीजेपी बंगाल में ममता सरकार को करारा जवाब देने के लिए मिशन बंगाल चला रही है। बता दें कि चुनावी खेल खेलने के लिए भाजपा इस बार दो प्रमुख दिवसों विवेकानंद (Swami Vivekananda) जयंती और सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) जयंती पर कई बड़े कार्यक्रम करेगी। इस कार्यक्रम से बीजेपी अपनी पहुंच तमाम लोगों तक बनाना चाहती।

गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में तृणमूल पार्टी (TMC) को चुनौती देने के लिए भाजपा का पक्ष रखने पार्टी के बड़े नेता शामिल हुए थे। बता दें कि भाजपा से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (J. P. Nadda) और गृह मंत्री अमित शाह ने दौरे कर राज्य की राजनीति में तृणमूल कांग्रेस को मुश्किलों में डाला था। ममता की मुश्किलें यूं बढ़ी क्योंकि इन रैलियों में ममता सरकार के तमाम बागी विधायकों ने भाजपा का कमल स्वीकारा था। वहीं भाजपा की चुनौती स्वीकार करते हुए ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भी वहां-वहां रैलियां की जहां-जहां भाजपा के बड़े नेताओं ने किया था।

तृणमूल कांग्रेस क्षेत्रीय अस्मिता जहां बंगाल की धरोहर को लेकर आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी और बीजेपी खुद को श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mukherjee) की पार्टी बता कर राष्ट्रीय फलक पर पश्चिम बंगाल की भूमिका से खुद को जोड़ रही है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने इस महीने में 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती और 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम करने की तैयारी की है।

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