नए राष्ट्रपति पर करोड़ों न्योछावर करेगा रेल मंत्रालय, देगा शाही तोहफा

नए राष्ट्रपति को तोहफानई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए भले ही देश इंतजार में है। लेकिन रेल मंत्रालय ने नए राष्ट्रपति को तोहफा देने की पूरी तैयारी कर ली है। अब विजेता कोई भी रेल मंत्रालय ने उनके स्वागत के लिए आठ करोड़ रुपये के रेलवे सैलून की योजना बनाई है।

सैलून के लिए जर्मन रेल कोच का इस्तेमाल होगा। यह बुलेटप्रूफ शीशे वाली खिड़कियों, 20 लाइन के टेलीफोन एक्सचेंज, प्लाज्मा कलर टीवी, सेटेलाइट कम्यूनिकेशन, जीपीएस और जीपीआरएस सिस्टम से लैस होगा।

इसके अलावा इसमें मॉड्यूलर किचन और लोगों को संबोधित करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी होगा।

आजादी के बाद 1956 में बने दो डिब्बों वाले खास सैलून में डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ. राधाकृष्णन से लेकर डॉ. नीलम संजीव रेड्डी तक पूर्व राष्ट्रपतियों ने 87 मौकों पर यात्राएं कीं।

वर्ष 2006 में सैलून में यात्रा करने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आखिरी राष्ट्रपति थे। इसी वर्ष इन शाही सवारी डिब्बों (कॉन्फ्रेंस हॉल, प्रतीक्षालय, अध्ययन कक्ष और राष्ट्रपति के रक्षा सचिव के केबिन से सुसज्जित) को रेल संचालन के हिसाब से असुरक्षित घोषित किया गया था।

रेलवे ने अपने 2007-08 के बजट में राष्ट्रपति के लिए नया सैलून बनाने के लिए छह करोड़ रुपये की राशि मंजूर की थी।

लेकिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सचिवालय ने सुरक्षा चिंताओं और रेलयात्रियों को होने वाली संभावित बाधा का हवाला देते हुए योजना को 2008 में अस्वीकार कर दिया था।

उत्तर रेलवे के चीफ मेकेनिकल इंजीनियर अरुण अरोड़ा ने कहा, ‘यदि नए राष्ट्रपति की इच्छा होती है, तो रेलवे जल्द नया सैलून बना सकता है।’

मंत्रालय इस संबंध में एक प्रस्ताव नए राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जुलाई में भेजेगा।

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