दो दिवसीय कार्यशाला के समापन जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कही ये बात

रिपोर्ट- नीरज श्रीवास्तव

लखनऊ- गैर पारंपरिक नवीनीकरण ऊर्जा का सिंचाई विभाग की विभिन्न प्रणालियों पर उपलब्ध भूमि बैंक के उपयोग हेतु निजी क्षेत्रों की उत्पादन व परिचालन सभा गीता के संबंध में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का समापन जनशक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह द्वारा किया गया डॉ राम मनोहर लोहिया पकड़ भवन लखनऊ में आयोजित सम्मेलन में डॉ महेंद्र सिंह ने सिंचाई विभाग में सौर ऊर्जा वायु ऊर्जा के विकास की संभावनाओं पर बल देते हुए हरित ऊर्जा को पर्यावरण नियंत्रण के लिए आवश्यक बताया।

जल शक्ति मन्त्री महेन्द्र सिंह ने बात करते हुए कहा कि जलशक्ति विभाग करेगा अपनी सोलर पावर जनरेट। विभाग के पास अपनी जमीन अपने संसाधन उपलब्ध हैं। पीपीपी मॉडल पर विभाग लगाएगा अपने सोलर पावर प्लांट।

नहीं होगा विभाग के बजट में से कोई खर्चा। एक नई दिशा में काम करेगा जलशक्ति मंत्रालय प्रति वर्ष 3000 करोड़ रुपये बिजली का बिल देना पड़ता है।विभाग के पास 4 लाख एकड़ जमीन। 92 जलाशय, 75 हजार किलोमीटर नहरें हैं। अब विभाग वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में करेगा काम। बिना एक पैसे की पूंजी लगाए विभाग ऊर्जा के क्षेत्र में होगा आत्मनिर्भर।

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बिजली विभाग को भी देगा अतिरिक्त उत्पादित एनर्जी। कई कम्पनियों ने विभाग के साथ काम करने में दिखाई गहरी रुचि। पीपीपी मॉडल पर काम करने को कई कंपनियां तैयार। विभाग कई अन्य क्षेत्रों में भी करेगा बड़ा काम। देश मे नम्बर वन बनाने को विभाग की होगी रीस्ट्रक्चरिंग। 15 से 20 सालों के काम का तैयार हो रहा रोडमैप। पीएम की हर खेत को पानी, हर घर को नल से जल पर चलेगा विभाग। सोलर बेस नलकूप और सोलर एनर्जी ऑफिसेज योजना पर विभाग करेगा काम।

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