देश में PM मोदी जल्द लागू करने वाले हैं ये कानून, कई धर्मों को हो सकती है परेशानी
स्वतंत्रता दिवस पर PM मोदी के भाषण में कई ऐसे संदेश मिले हैं जो देश में नया कानून ला सकते हैं. लालकिले के प्राचीर से PM मोदी ने अपने दिए भाषण में जनसँख्या को देश की सबसे बड़ी समस्या बताया है. इसके साथ ही देश में जनसँख्या नियंत्रण को लेकर नया कानून आने की चर्चाएँ तेज हो गयीं है. इसके साथ ही शिवसेना के नेता संजय राउत ने अपने बयान से चर्चाओं का बाजार और गरम कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता कानून ला सकती है।
इस चर्चा के बीच यह समझना जरूरी है कि चीन में प्रति मिनट केवल 11 बच्चे पैदा होते हैं, जबकि भारत में प्रति मिनट 34 बच्चे पैदा हो रहे हैं। भारत की एक महिला औसतन 2.303 बच्चे पैदा कर रही है जबकि चीन की एक महिला औसतन केवल 1.635 बच्चे को जन्म दे रही है। प्रति महिला ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले देशों की लिस्ट में भारत 94वें स्थान पर है।
भाजपा के एक नेता अश्विनी उपाध्याय ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत लिखते हुए बढ़ती जनसंख्या को देश की सभी परेशानियों का कारण बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर देश की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण नहीं लगाया गया तो सभी सुधार के उपाय बेअसर साबित होंगे।
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सरकार 2022 में जब तक सभी लोगों के लिए आवास उपलब्ध कराएगी, लगभग 10 करोड़ और लोग पैदा हो चुके होंगे जिनके लिए आवास, भोजन और कपड़ा उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि कम आर्थिक संसाधन और कम भू क्षेत्र वाला भारत ज्यादा जनसंख्या का भार सहने की स्थिति में नहीं है और इसे रोकने के लिए तत्काल कानून लाया जाना चाहिए।
आशंका है कि अगर सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की तरफ आगे बढ़ती है तो कुछ लोग धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए सरकार के इस फैसले का विरोध कर सकते हैं। लेकिन केंद्र ने इसके पहले भी कड़े फैसले लेकर बता दिया है कि वह वही फैसला लेगी जो देशहित में होगा।