देश में सिर्फ 5 प्रतिशत कारों में ही है ये फीचर्स

नई दिल्ली। ह्यूंदै वेन्यू, एमजी हेक्टर और किआ सेल्टॉस ने भारत में कनेक्टेड कारों को काफी पॉप्युलर बना दिया है। जिनमें वेन्यू भारत की पहली कनेक्टेड कार है, जिसके बाद दूसरी कनेक्टेड कार एमजी हेक्टर बनी। तीसरी कनेक्टेड कार सेल्टॉस होगी। कनेक्टेड कारें इंटरनेट कनेक्शन के साथ आती हैं और इनमें आपको कई सारे फंक्शन मिलते हैं।

चूंकि भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में कनेक्टेड कार टेक्नॉलोजी अभी शुरुआती दौर में है। देश में जो कारें अभी आने वाली हैं, उनमें भी ज्यादातर में यह टेक्नॉलजी नहीं मिलेगी। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि भारत कीमत आधारित बाजार है और अतिरिक्त कनेक्टिविटी फीचर्स की वजह से कारों की कीमत बढ़ जाती है।

इसी कारण ज्यादातर कारों में ऐंड्रॉयड ऑटो और ऐपल कारप्ले जैसे बेसिक कनेक्टिविटी फीचर्स भी नहीं हैं। डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर की बात करें, तो कुछ महंगी कारों में भी यह फीचर नहीं मिलता है।

हालांकि, अब ज्यादातर ऑटोमोबाइल कंपनियां अतिरिक्त लागत को ध्यान में रखते हुए अपनी गाड़ियों में कई कनेक्टिविटी फीचर्स देने का प्रयास कर रही हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण मारुति सुजुकी से हार्मन ऑडियो को मिलने वाला कॉन्ट्रैक्ट है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारुति सुजुकी ने अपनी कई गाड़ियों को इन्फोटेनमेंट सिस्टम और कनेक्टिविटी सलूशन्स से लैस करने के लिए हार्मन को कॉन्ट्रैक्ट दिया है। माना जा रहा है कि मारुति के इस कदम से दूसरी कार कंपनियां भी अपनी गाड़ियों में कनेक्टिविटी टेक्नॉलजी देने के लिए प्रेरित होंगी।

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