देश में पहली बार बाघों की होगी यह जांच, जानिए क्यों लिया गया फैसला

जनवरी के बाद से ही पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी में 3 बाघों की मौत के कारणों के बारे में फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने रिजर्व के बाघों का कोरोना टेस्ट करने के लिए रक्त और ऑरोफरीन्जियल स्वाब के नमूने लेने का फैसला किया है। इसके साथ ही यह दावा किया जा रहा है कि भारत में पहली बार बाघों का कोविड-19 परीक्षण किया जा रहा है।

पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर वीएस परिहार बताते हैं कि पिछले 20 दिनों से वन विभाग के 6 अधिकारी, 2 हाथियों में सवार होकर रिजर्व में बाघों को ढूंढने और नमूने लेने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अभी तक कोई भी बाघ नहीं मिला। ज्ञात हो कि रिजर्व की आखिरी गणना के समय 53 बाघ थे।

परिहार आगे कहते हैं कि जनवरी से अभी तक रिजर्व में 5 से 8 वर्ष की आयु वाले 3 बाघों की मृत्यु हो चुकी है। पोस्टमार्टम और एफएसएल की रिपोर्ट में अवैध शिकार की संभावना से भी इंकार हुआ है। बाघों के शवों पर कोई जहर, करंट या चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। इसलिए बाघों का कोरोना टेस्ट करने का निर्णय लिया गया है।

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