देश के असली हीरो मार्शल अर्जन सिंह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ दी गई आखिरी विदाई

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किया गया। अंतिम संस्कार दिल्ली में हुआ। अर्जन सिंह के सम्मान में नई दिल्ली की सभी सरकारी इमारतों पर लगा राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया। अर्जन सिंह को तोपों की सलामी भी दी गई, इसके अलावा उन्हें फ्लाई पास्ट भी दिया गया।

अर्जन सिंह के पार्थिव शरीर को उनके परिवार द्वारा नहीं लाया जाएगा, बल्कि एयर फोर्स के 8 जवान उन्हें लेकर आएंगे। एयरफोर्स के सीनियर रैंक के विंग कमांडर उन्हें सलामी भी देंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात से लौटने के बाद सीधे अर्जन सिंह के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले पीएम उन्हें अस्पताल में भी मिलने गए थे। PM ने उनके लिए वहां पर एक संदेश भी लिखा था। 98 वर्षीय नायक को सेना के रिचर्स एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां शनिवार शाम उनका निधन हो गया। अर्जन सिंह का पार्थिव शरीर दिल्ली के 7A कौटिल्य मार्ग स्थित उनके आवास में रखा गया है, जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, तीनों सेना प्रमुख सहित कई दूसरे गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

वर्ष 1965 की लड़ाई में जब भारतीय वायु सेना अग्रिम मोर्चे पर थी तब वह उसके प्रमुख थे। अलग-अलग तरह के 60 से भी ज्यादा विमान उड़ाने वाले सिंह ने भारतीय वायु सेना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक बनाने और विश्व में चौथी सबसे बड़ी वायु सेना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। बहुत कम बोलने वाले व्यक्ति के तौर पर पहचाने जाने वाले सिंह ना केवल निडर लड़ाकू पायलट थे बल्कि उनको हवाई शक्ति के बारे में गहन ज्ञान था जिसका वह हवाई अभियानों में व्यापक रूप से इस्तेमाल करते थे।

 

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