मिसाइल मैन की तकनीक पर इजाद हुआ ऐसा हथियार, दुश्मन को घर में मारकर आ जाएगा वापस

दुश्मन देशों के सारे हमलेनई दिल्ली। भारत अपने रक्षा बेड़े में एक ऐसी तकनीक शामिल करने जा रहा है जिससे पड़ोसी दुश्मन देशों के सारे हमले फेल हो जाएंगे। और तो और ये ऐसा हथियार है जो दुश्मनों पर हमला कर वापस अपने देश सुरक्षित लौट आएगा। रक्षा, मिसाइल और अंतरिक्ष के क्षेत्र भारत का यह अनोखा कारनामा होगा। भारत के इस कारनामें के बाद दुश्मन देश खासकर चीन और पाकिस्तान की नींद और चैन उड़ चुके हैं।

भोपाल में आयोजित विज्ञान मेले में शुक्रवार को पहुंचे डीआरडीओ के विशिष्ट वैज्ञानिक और ब्रह्मोस के सीईओ सुधीर कुमार मिश्रा ने इस मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रोजेक्ट लगभग तैयार चुका है और यह पूरी तरह से सीक्रेट रहेगा। सरकार द्वारा हरी झंडी मिलते ही हम काम शुरू कर देंगे। साथ ही साथ उन्होंने इस प्रोजेक्ट का पूरा श्रेय भारत के मिसाइल मैन ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को दिया।

मिश्रा ने बताया कि 1000 हजार किमी प्रति घंटे की क्षमता से लैस ब्रम्होस मिसाइल का परीक्षण भी मार्च के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। वर्तमान में भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजिम (एमटीसीआर) का मुख्य सदस्य बन चुका है। जिसमें पहले से ही अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और कनाडा समेत कई देश शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पर भी काम किया जा रहा है। इसी मारक क्षमता को 290 किमी प्रतिघंटा से बढ़ाकर 450 किमी प्रति घंटा करने की योजना है। जिसका परीक्षण मार्च के दूसरे हफ्ते में किया जाएगा।

मिश्रा ने बताया कि जिस प्रकार भगवान कृष्ण का सुदर्शन चक्र दुष्ट पापियों का संघार कर वापस लौट आता था ठीक उसी प्रकार भारत की नई मिसाइल भी दुश्मनों पर वार कर वापस लौट आएगी। उन्होंने कहा कि हमने अपनी  वैदिक और आध्यात्मिक परंपरा का पालन करते हुए ही इसका नाम सुदर्शन चक्र रखा है।

नई मिसाइल की गति 5 मैक तक करने की योजना है। जिस पर अगले दो से तीन साल में काम पूरा किए जाने की उम्मीद है। मिश्रा ने बताया कि एक मैक का मतलब है कि ध्वनि के बराबर की गति। उन्होंने आगे कहा कि यह मिसाइल 10 मीटर तक नीचे आ सकती है और इतने कम समय में दुश्मन को चूं करने तक का वक्त नहीं मिलता।

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