दुनिया का सर्वनाश करने को यहाँ धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं नंदी, पूरे होते ही दुनिया को करेंगे समाप्त…

धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कहानियों में कलियुग के बारे में कई सारी बातों का वर्णन किया गया है। कलियुग के अंत के बारे में भी तरह-तरह की बातें बताई गई हैं।

धरती पर महाप्रलय आने की बात नंदी देवता के जीवित होने पर भी निर्भर है।

ऐसा कहा जाता है कि कलियुग के अंत में नंदी महाराज जीवित हो उठेंगे और धरती का विनाश हो जाएगा।

शायद यही वजह है कि देश में इस स्थान पर नंदी देव धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।

नंदी देवता

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में यांगती उमा माहेश्वर मंदिर ? में नंदी देव की एक प्रतिमा है और चौंकाने वाली बात तो यह है कि रहस्यमयी तरीके से इस प्रतिमा की आकृति में लगातार वृद्धि होती जा रही है।

इस वजह से कुरनूल जिले का यह मंदिर काफी मशहूर है। यहा स्थापित नंदी महाराज की मूर्ति की आकृति में हर 20 साल में करीब एक इंच की बढ़ोत्तरी होती है।

पहले मंदिर में आने वाले भक्त नंदी की परिक्रमा बड़ी ही सहजता से कर लेते थे, लेकिन अब ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं हो पाता है।

मूर्ति की बढ़ती हुई आकृति को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से एक पिलर को भी वहां से हटा दिया गया है ताकि जगह बन सकें।

15 वीं शताब्दी में संगमा राजवंश के राजा हरिहर बुक्का ने इसे बनवाया था।

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कहा जाता है कि अगत्स्य ऋषि इस स्थान पर वेंकटेश्वर भगवान का मंदिर बनाने की चाह रखते थे, लेकिन मूर्ति स्थापना के दौरान मूर्ति के पैर के एक अंगूठे का नाखून टूट गया था।

ऐसा होने के पीछे की वजह को जानने के लिए परेशान ऋषि अगत्स्य ने शिव जी की तपस्या की और फलस्वरूप भोलेनाथ के आशीर्वाद से अगत्स्य ऋषि ने उमा माहेश्वर और नंदी की स्थापना मंदिर में की।

 

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