उठ गया सबसे बड़े राज से पर्दा, वैज्ञानिकों को मिल गया दुनिया का सबसे पुराना रंग!

तमाम तरह के रंगों से भरी इस दुनिया में क्या आपको पता है कि सबसे पुराना रंग कौन सा था और यह किस तरह का दिखता था। यह रंग कहां से आए होंगे और किसने इनकी खोज की होगी। इन तमाम तरह के सवालों के जवाब ढूंढ़ना काफी मुश्किल होगा।

पुराना रंग

हांलाकि हमारे वैज्ञानिकों ने इन रंगों से जुड़ी एक बहुत बड़ी पहेली को सुलझाने का काम किया है।

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खबरों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी की नूर गुएनेली के मुताबिक दुनिया का सबसे पुराना रंग 1.1 अरब साल पुराना हो सकता है। इसके अस्तित्व को खोजने के लिए विज्ञानियों के एक बड़े दल ने सालों तक चट्टानों को खोदा और इसकी बारीकी से जांच की। जिसके बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।

नूर के मुताबिक उनके दल को यह कामयाबी तब मिली जब वह पश्चिमी अफ्रीका के मारटानिया के ताओदेनी बेसिन में खोज कर रहा था। तभी एक समुद्री काले पत्थर के बीच से यह रंग मिला है।

नूर का कहना है कि यह रंग क्लोरिफिल मालेक्यूलर जीवाष्म से बना वालहोगा और इसका उत्पादन समुद्र में रहने वाले प्राचीन प्रकाश संश्लेषक जीवों के जरिए ही हुआ होगा। इस रंग का उत्पादन अरबों साल पहले ही हुआ होगा।

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नूर ने बताया कि एक अरब साल पहले छोटे छोटे साइनोबेक्टीरिया समुद्र में अनवरत चलने वाली खाद्य श्रंखला का आधार थे। हालांकि बाद में इन रंगों का अस्तित्व खत्म हो गया था। यही नहीं इस खोज से यह भी पता चला है कि उस समय में जानवर क्यों नहीं थे।

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