दीनदयाल अस्पताल में स्थापित नवनिर्मित लैब में भी अभी तक जांच नहीं हो पाई शुरू, 700 सैंपल पैडिंग

 जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए अधिक से अधिक सेंटर पर जोर दिया जा रहा है। अफसोस! इसके सापेक्ष मरीजों की जांच अभी भी नहीं हो पा रही। संदिग्ध मरीजों की रेंडम जांच के लिए जिला अस्पताल में ट्रू नेट मशीन की स्थापना की गई इस मशीन पर एक से डेढ़ घंटे में। 20 मरीजों की कोरोना जांच की जा सकती है। हालांकि, पुष्ठि के  लिए पुनः जांच की जाती है। इस तरह 1 दिन में 40 से 50 लोगों की जांच संभव है। अब सोच! अभी तक यहां पर बमुश्किल 15 से 20 जांच ही हो पा रही है। उसमें भी आए दिन मशीन में तकनीकी खराबी आ जाती है। बार-बार जांच का कार्य बाधित हो रहा है।

जांच मशीन खराब

शनिवार को पुणे मशीन खराब हो गई। मेरठ स्थित कंपनी के इंजीनियर दो-तीन बार अलीगढ़ भी आये। अब पुनः फोन पर उनके दिशा निर्देशन में मशीन को दुरुस्त किए जाने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन सोमवार को भी मशीन से जांच का कार्य शुरू नहीं हो पाया। बता दें कि कोरोना अस्पतालों में भर्ती बिना लक्षण वाले मरीज की दूसरी जांच ट्रू नेट मशीन के माध्यम से ही की जाती है, रिपोर्ट निगेटव आने पर उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था। जनपद में जब अवस्था भी शुरू नहीं हो पाई है। मशीन खराब होने के कारण सोमवार को भी टेस्ट नहीं हो पाए।

नई लैब में नहीं शुरू हुई जांच 

इधर दीनदयाल अस्पताल में स्थापित नवनिर्मित लैब में भी अभी तक जांच शुरू नहीं हो पाई है। बजबकि शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लैब का लखनऊ से ही ऑनलाइन उद्घाटन कर दिया है। यहां शुरुआती चरण में प्रतिदिन डेढ़ सौ तक कोरोना टेस्ट व बाद में पांच सौ तक टेस्ट हो सकेंगे, लेकिन अभी इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से अनुमति लेनी होगी। इसमें भी कुछ दिन और लग सकते हैं। ऐसे में जांच का भार अभी पूरी तरह जैन मेडिकल कॉलेज पर ही है। नतीजतन 700 से ज्यादा सैंपल पेंडिंग पड़े हुए हैं।

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