
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि अभी भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र की संदिग्ध खुदकुशी की वजहों का पता नहीं लग सका है। जेएनयू छात्र को उसके दोस्त के कमरे में पंखे से लटका पाया गया था। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
विश्वविद्यालय के निकट मुनिरका विहार में सोमवार की शाम कृष रजनी (25) को कमरे के पंखे से लटका पाया गया। कृष रजनी का वास्तविक नाम मुथुकृष्णन जे. था। वह झेलम छात्रावास में रहता था।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) ईश्वर सिंह ने कहा, “केंद्रीय फारेंसिक साइंस लैब (सीएफएसएल) की एक टीम मामले की जांच कर रही है। सभी कोणों से मामले की गहन जांच की जा रही है। पुलिस घटनाओं का क्रम और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) व कृष रजनी के चैट रिकार्ड की फिर से जांच कर रही है। सीएफएसएल की एक टीम दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फिर से फ्लैट का दौरा करेगी।”
पुलिस ने दावा किया कि अब तक किसी तरह की साजिश का सबूत नहीं मिला है। पुलिस ने कहा कि सीएफएसएल की जांच रिपोर्ट से यह पता चल जाएगा कि यह आत्महत्या है या हत्या।
रजनी इतिहास का छात्र था और वह विश्वविद्यालय से एमफिल कर रहा था। वह कथित तौर पर अपने दोस्त के यहां खाने पर गया था और खाने के बाद उसने सोने के बहाने से कमरे में खुद को बंद कर लिया।
रजनी की आत्महत्या को लेकर छात्रों के बीच ऐसी अटकलें हैं कि जातिगत भेदभाव से अवसाद की वजह से रजनी ने यह कदम उठाया।
कुछ दोस्तों द्वारा साझा किए जा रहे रजनी के फेसबुक पोस्ट में उसके कई मुद्दों पर असंतोष की बात सामने आ रही है। इसमें असमानता और थोराट समिति की सिफारिशों का क्रियान्वयन नहीं होना शामिल है।
इस घटना से कुछ दिनों पहले लिखी गई पोस्ट में रजनी ने लिखा था, “जब समानता से इनकार किया जाता है तो सब कुछ वंचित हो जाता है। एमफिल या पीएचडी प्रवेश में कोई समानता नहीं है। वाइवा में कोई समानता नहीं है। यहां सिर्फ समानता का खंडन है। प्रोफेसर थोराट की सिफारिश से इनकार करते हैं। प्रशासनिक भवन पर छात्रों के प्रदर्शन को ठुकराते हैं। निर्धनों को शिक्षा से वंचित करते हैं।”
ईश्वर सिंह ने कहा कि पुलिस टीम उसके फेसबुक अकाउंट के आईपी एड्रेस और पोस्ट की प्रमाणिकता की जांच के लिए साइबर जानकारों की मदद ले रही है।