दिल्ली दंगो को लेकर सदन में हंगामा, अमानतुल्लाह ने साधा BJP पर निशाना, विपक्ष भड़का

ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान दिल्ली विधानसभा की वेलफेयर ऑफ माइनॉरिटी कमेटी की पहली रिपोर्ट सदन में पेश करते हुए दंगो के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहरा दिया। इसपर वीपक्षी पार्टी बीजेपी की तरफ से जमकर हंगामा हुआ।

दिल्ली के विधानसभा में उस वक्त जमकर हंगामा हो गया जब दिल्ली दंगों के मुद्दे उठाये गए। दरअसल, दिल्ली वधानसभा में बजट सत्र दौरान ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान दिल्ली विधानसभा की वेलफेयर ऑफ माइनॉरिटी कमेटी की पहली रिपोर्ट सदन में पेश रहे थे। इसी दौरान उन्होंने ने सदन में रिपोर्ट पेश करते हुए दंगों के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा दिया, जिसके बाद वीपक्षी पार्टी बीजेपी की तरफ से हंगामा मच गया। बात इस हद तक बढ़ गयी कि एक विधायक वेल तक पहुंच गए, जिसके बाद सदन को बीच में ही कार्यवाही स्थगित करनी पढ़ गयी।

विधायक अमानतुल्लाह खान ने सदन में रिपोर्ट पेश करते हुए सदन को बताया कि दिल्ली दंगे में दिल्ली सरकार ने प्रॉपर्टी के नुकसान और घायलों के लिए मुआवजा देने का ऐलान किया था जिसमे से कुछ को ही अब तक मुआवजा मिला है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार द्वारा इस बात को समिति के सामने रखा गया था और उनकी तरफ से कोशिश भी हुई थी। उन्होंने बताया कि दंगो में कुल 54 लोग मारे गए थे जिसमे से 11 हिन्दू, 43 मुस्लिम थे। दिल्ली सरकार ने प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये दिए। 244 घायलों को मुआवजा मिला। सके अलावा 724 प्रॉपर्टी और 1190 कमर्शियल प्रॉपर्टी को मुआवजा दिया गया। अब तक 27 करोड़ 19 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है। दंगे में जिन प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा, उनमें 47 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी हैं और 66 रेसिडेंशियल हैं जिनको अब भी मुआवज़ा मिलना बाकी है।

अमानतुल्लाह खान ने आगे बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद से अब तक 48 हजार फसाद हुए हैं लेकिन उनकी सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने एक-एक आदमी को खोजकर मुआवजा देने का काम किया। कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साधते अमानतुल्लाह बोले, हुए ज्यादातर दंगे कांग्रेस शासन में हुए हैं। 1992 के अयोध्या मामले को लेकर देशभर में दंगे हुए और 2002 में गुजरात में बीजेपी के शासन में फसाद हुआ। किसी को एक पैसा नहीं मिला। 2020 में दिल्ली में जो फसाद हुआ, उसके पीछे बीजेपी का हाथ था। अमानतुल्लाह ने दिल्ली में दंगा भड़काने में बीजेपी नेता रागिनी तिवारी, कपिल मिश्रा का नाम सदन में लिया। बस अमानतुल्लाह का यह बोलना था कि बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और गांधीनगर से विधायक अनिल बाजपेयी वेल में कूद पड़े। इस पर आपत्ति जताते हुए विधानसभा स्पीकर ने अनिल बाजपेयी को मार्शल आउट करने का आदेश दिया और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनई पड़ी।

जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी ने अमानतुल्लाह खान की बात पर सदन में आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि अमानतुल्लाह के बयान को कार्यवाही से बाहर निकाला जाए। इसके बाद कर ने अनिल वाजपेयी को फिर से सदन में बुला कर फटकार लगाई और कहा कि उन्हें सदन में मर्यादित होकर रहना चाहिए। स्पीकर ने अमानतुल्लाह को भी हिदायत देते हुए कहा कि सदन में मर्यादित होकर बात रखें, भावनाएं अपनी जगह हैं लेकिन रिपोर्ट अपनी जगह है। लेकिन मामला यहाँ कहाँ ख़त्म होने वाला था। अमानतुल्लाह खान फिर खड़े हुए। उन्होंने फिर से कपिल मिश्रा और रागिनी तिवारी के नाम का दोबारा जिक्र कर डाला। अमानतुल्लाह बोले, ‘किसके इशारे पर दिल्ली पुलिस ने ये काम किया, क्या बीजेपी इसमे शामिल नहीं है? क्या बीजेपी के गृहमंत्री इसमें शामिल नहीं हैं?’ इसके बाद हंगामा दोबारा शुरू हो गया और स्पीकर ने अमानतुल्लाह को बैठा दिआ।

LIVE TV