दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से अजय माकन का इस्तीफा, अब इस बड़ी जिम्मेदारी निभाएगे

मुंबई.दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) अध्यक्ष अजय माकन को इस पद से विदाई की मंजूरी मिल गई है। कुछ महीने पहले उन्होंने इस्तीफा देने की पेशकश की थी, जिसे अब स्वीकार किया जा रहा है। कहने का मतलब पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन की अध्यक्ष पद से विदाई सुनिश्चित हो गई है और नए अध्यक्ष का निर्णय अगले दो-तीन दिन में होने के आसार हैं।

वहीं, कहा यह भी जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उन्हें केंद्रीय राजनीति में अपने साथ जोड़ सकते हैं। यानी अजय माकन भविष्य में राष्ट्रीय राजनीति में अपनी नई भूमिका में नजर आ सकते हैं। बता दें कि इससे पहले आई खबरों में दावा किया गया था कि अजय माकन ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और राहुल गांधी ने इसे मंजूर नहीं किया था।

बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार को अजय माकन की एक बैठक पार्टी हाईकमान राहुल गांधी के साथ हुई थी। इसमें दिल्ली प्रदेश प्रभारी पीसी चाको भी मौजूद थे। इस बैठक में अजय माकन ने अपनी जिम्मेदारी निभाने में असमर्थता जताई थी। इसके पीछे उन्होंने अपने गिरते स्वास्थ्य का हवाला दिया था। बैठक में राहुल गांधी ने अजय माकन के इस्तीफे को स्वीकृति दे दी।

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री योगानंद शास्त्री दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पद के सबसे प्रबल दावेदार है। मालूम हो कि अजय माकन ने सितंबर 2018 में ही अपनी हड्डी की बीमारी के चलते दे दिया था इस्तीफा, तभी से चल रही थी ऊहापोह की स्थिति थी। तब राहुल गांधी ने ही इस्तीफे पर हामी नहीं भरी थी।

इस बाबत अजय माकन ने एक ट्वीट भी किया है- ‘2015 विधान सभा के उपरान्त- बतौर दिल्ली प्रदेश कांग्रेसअध्यक्ष-पिछले 4 वर्षों से,दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा,कांग्रेस कवर करने वाली मीडिया द्वारा,एवं हमारे नेता राहुल गांधी जी द्वारा,मुझे अपार स्नेह तथा सहयोग मिला है। इन कठिन परिस्थितियों में यह आसान नहीं था! इसके लिए ह्रदय से आभार!

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यहां पर बता दें कि अप्रैल, 2017 में दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस के प्रदर्शन पर प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने अपना इस्तीफा दिया था, लेकिन उसे आलाकमान ने निरस्त कर दिया था। एमसीडी चुनाव में कांग्रेस ने पिछली बार से भी बुरा प्रदर्शन किया था। 2012 के चुनाव में कांग्रेस को 272 सीटों में 70 सीट मिली थी, जो 30 पर सिमट गई थी। प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन और प्रभारी पीसी चाको ने अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा था, उसे पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था। इस्तीफा स्वीकार नहीं करने के पीछे तर्क दिया गया था कि पार्टी 9 फीसद से 22 फीसद के करीब पहुंची है, जिससे आगे बढ़ने की संभावनाएं दिख रही हैं इसलिए आगे काम करें।

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