जानें इंसान के दिमाग की उस स्थिति के बारे में जब मिट जाती हैं कुछ यादें

मनुष्य अपने जीवनकाल में कई ऐसी यादों को अपने मस्तिष्क में संजोए रहता है जो अंतिम समय तक बनी रहती हैं, जबकि कई घटनाएं कुछ समय के लिए उसकी याददाश्त से गायब हो जाती हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? एक नए अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि इस न्यूरोलॉजिकल प्रक्रिया में यादें कैसे फीकी पड़ने लगती हैं, जबकि कुछ यादें मस्तिष्क में लंबे समय तक बनी रहती हैं। आइए इंसान की मेमोरी पर होने वाले इस शोध के बारे में विस्तार से जानें…

यह शोध साइंस नामक पत्रिका में छपा है. शोधकर्ताओं का दावा है कि इस रिसर्च के जरिए उन्हें ये पता लगाने में भी सफलता मिलेगी कि आखिर स्ट्रोक और अल्जाइमर जैसी बीमारी इंसान की मेमोरी को कैसे प्रभावित करती है. यह शोध पोस्टडॉक्टरल स्कॉलर वाल्टर गोंजालेज के नेतृत्व में हुआ है.

चूहे पर इस तरह हुआ रिसर्च : शोध के दौरान चूहे को एक सफेद दीवार के साथ पांच फीट लंबे बाड़े में रखा गया. बाड़े के दोनों छोरों पर कुछ विचित्र निशान बनाए गए और एक छोर पर चूहे के लिए भोजन रखा गया. साथ ही खाने तक पहुंचने के लिए एक जटिल रास्ता बनाया गया. जब चूहे को भूख लगी तो पहले दिन चूहा सूंघते हुए भोजन तक पहुंचा और 20 दिनों तक यही प्रक्रिया जारी रही.

शोध में हुआ ये खुलासा : शोधकर्ताओं इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि एक न्यूरॉन चूहे के हिप्पोकैंपस (मेमोरी को प्रभावित करने वाला पार्ट) से टकराया था. 20 दिनों तक भूख लगने पर चूहे के हिप्पोकैंपस से लगातार न्यूरॉन टकराते रहे और वह सही रास्ते से गुजरकर भोजन तक पहुंच रहा था. इस प्रक्रिया के लगातार होने से उसे वो रास्ता याद हो गया. अब वह भूख लगने पर आसानी से खाने तक पहुंच जाता था.

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