दादी-नानी के नुस्‍खे : ये चुटकी भर दानें आपको कर देंगे हैरान

तड़के में प्रयोग होने वाला जीरा खानें-पीनें में इस्तेमाल होने वाला एक सुगंधित मसाला है। आज हम दादी-नानी के नुस्‍खे में जीरे के औषधीय गुणों को जानेंगे। जीरा पेट से जुड़ी कई तरह की बीमारियों लिए ये एक कारगर औषधि है। जीरे की तासीर गर्म होती है।

दादी-नानी के नुस्‍खे

हममें से ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं होता है कि जीरा एक घरेलू औषधि है जिसे कई छोटी-छोटी बीमारियों में इस्तेमाल कर सकते हैं।

दादी-नानी के नुस्‍खे : अनेक बिमारियों की एक दवा है जीरा

अगर आपको सर्दी हुई है तो जीरे को अच्छी तरह से भून लें। इसे पोटली बनाकर समय-समय पर सूंघते रहें। ऐसा करने से छींक आना बंद हो जाएगी। अगर आपको कब्ज या अपच की शिकायत है तो एक गिलास छाछ में काला नमक और भूना जीरा मिलाकर पी लें। ऐसा करने से कुछ देर बाद ही आराम मिल जाएगा।

आंवले के साथ जीरा, अजवाइन, और काला नमक मिलाकर खाने से भूख बढ़ती है। इससे दस्त में भी राहत मिलती है। पानी में जीरा उबाल लें। इसे छान लें इस पानी से चेहरा साफ करने से चेहरे पर चमक आती है। जीरा और सेंधा नमक को महीन पीस लें। इस पाउडर से मसाज करने से दांतों के दर्द में तो फायदा होता ही है साथ ही मुंह की बदबू दूर हो जाती है।

मेथी, अजवाइन, जीरा और सौंफ को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को एक चम्मच हर रोज खाने से शुगर, जोड़ों के दर्द और पेट के विकारों में आराम होगा। गैस की समस्या में भी इससे फायदा होगा। डिलीवरी के बाद जीरे का पानी पीना अच्छा रहता है। चर्म रोग में भी जीरे के पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे खुजली दूर हो जाती है।

दही में भूना हुआ जीरा और काला नमक मिलाकर खाने से डायरिया में फायदा होता है। जीरा आयरन का सबसे अच्छा स्त्रोत है, जिसे नियमित रूप से खाने से खून की कमी दूर होती है। एसीडिटी से तुरंत राहत पाने के लिए, एक चुटकी कच्चा जीरा खाने से फायदा मिलता है।

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