दाढ़ी बढ़ाने पर भारतीय सेना ने मुस्लिम जवान को दी ‘सजा’

दाढ़ी बढ़ाने का अधिकारकोच्चि। इस्लाम के मुताबिक हर मुसलमान को दाढ़ी बढ़ाने का अधिकार है। लेकिन कर्नाटक के धरवाड़ में मक्तुम हसन पर यह ख्‍वाहिश पूरी करना भारी पड़ गया।

दाढ़ी बढ़ाने का अधिकार

भारतीय सेना में तैनात मक्तुम हसन को उनकी बढ़ी दाढ़ी के कारण निलंबित कर दिया गया। सेना के नियमों के मुताबिक दाढ़ी बढ़ाने का अधिकार सिर्फ सिख जवानों को है।

मक्तुम हसन को हाल में कोच्चि के आर्मी फोर्स ट्रिब्यूनल में तैनाती मिली थी। साल 2001 में  मक्तुम हसन ने अपने कमांडिंग ऑफिसर से धार्मिक आधार पर दाढ़ी बढ़ाने का अधिकार देने की मांग की थी। त‍ब इसके लिए फौरी तौर पर हामी भरी गई थी।

हालांकि बाद में कमांडिंग ऑफिसर को जानकारी मिली कि नए नियमों के मुताबिक मक्तुम हसन को दाढ़ी बढ़ाने का अधिकार नहीं मिल सकता।

इसकी जानकारी मिलने पर मुस्लिम जवान ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट में जवान ने अपनी दाढ़ी नहीं हटाने की मांग रखी।

इसके बाद मक्तुम हसन का ट्रांसफर पुणे के कमांड हॉस्पिटल में कर दिया गया। यहा उनके नए कमांडिंग ऑफिसर ने भी दाढ़ी रखने ने मना किया।

मक्तुम हसन ने कमांडिंग ऑफिसर की बात नहीं मानी तो उनके खिलाफ पहला एक्शन लिया गया। उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजते हुए 14 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। मक्तुम हसन अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

वायुसेना में नियम

इससे पहले दाढ़ी को लेकर वायुसेना के कॉरपोरल मोहम्मद जुबैर और महाराष्ट्र के पुलिसकर्मी मोहम्मद फासी ने भी कोर्ट में याचिका दायर की थी। भारतीय वायुसेना एक जनवरी 2002 से पहले नामांकन के समय दाढ़ी रखने वाले मुसलमानों को चेहरे पर बाल रखने की अनुमति देता है। हालांकि इसकी लंबाई और रखरखाव के संबंध में कई सारे नियम भी हैं।

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