तीन तलाक पर पर्सनल लॉ बोर्ड को झटका, मुस्लिमों ने रिश्‍ता तोड़ने का किया ‘ऐलान’

तीन तलाक खत्मनई दिल्ली| देश में पढ़े-लिखे मुस्लिमों ने एक सामूहिक बयान जारी कर तीन तलाक खत्म करने की मांग की है| इस समूह में आम नागरिक, कलाकार, लेखक, कवि आदि शामिल हैं|

अपने बयान में इस समूह ने कहा है कि भारतीय मुस्लिम समाज में बहुत विविधता है| ऐसे में कोई एक संस्था सभी भारतीय मुसलमानों की नुमाइंदगी का दावा नहीं कर सकती|

तीन तलाक खत्म करो

तीन तलाक खत्म करने के लिए दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है| ये याचिका कुछ मुस्लिम महिलाओं द्वारा ही दायर की गयी है|

सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार से भी इस मसले पर पक्ष पूछा चुका है| इसके जवाब में केंद्र सरकार ने तीन तलाक को मानवाधिकारों और संविधानप्रदत्त मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया था| केंद्र सरकार ने कहा था कि कि यह प्रथा इस्लाम में अनिवार्य नहीं है|

लेकिन आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक खत्म करने के खिलाफ है| बोर्ड ने एक हलफनामे में साफ़ कहा है कि हम भारतीय मुसलमानों के एकमात्र प्रतिनिधि हैं और हम कहते हैं कि तीन तलाक इस्लामिक है|

वहीँ, पढ़े-लिखे मुस्लिम समूह ने पर्सलन लॉ बोर्ड के हलफनामे का सख्त विरोध करता है क्योंकि तीन बार तलाक बोलकर पत्नी को तलाक देने की व्यवस्था कुरान में नहीं है|

मुस्लिम समूह ने समाज के प्रगतिशील तबकों से अपील की है कि मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने की लड़ाई में भागीदार बनें| बयान में अवाम को कट्टरपंथी मुसलमानों से सावधान रहने के लिए कहा गया है|

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