ताड़ और नारियल के पेड़ से सजा है आंध्र प्रदेश का ये शहर, ज़रुर घूमें !!
आंध्र प्रदेश के अमलापुरम में हरे-भरे ताड़ और नारियल के पेड़ देखने को मिलते हैं. गोदावरी के एक डेल्टा और कोणसीमा का मुख्यालय होने के नाते इस शहर में राज्य के सबसे विस्तृत और सुंदर मंदिर स्थित हैं. अमलापुरम सांस्कृतिक समृद्धि का एक प्रतीक है और यहां पर अनेक दर्शनीय स्थल भी स्थित हैं.
अमलापुरम कैसे पहुंचे वायु मार्ग द्वारा:
अमलापुरम का निकटतम हवाई अड्डा राजमुंदरी में स्थित है, जो यहां से लगभग 54 किमी की दूरी पर है. हवाई अड्डे से नियमित कैब सेवाएं उपलब्ध हैं.
रेल मार्ग द्वारा:
अमलापुरम में कोई रेलहेड नहीं है इसलिए यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन पलाकोलू जंक्शन हैजो 31 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां देश के सभी प्रमुख हिस्सों से नियमित ट्रेनें आती हैं. सड़क मार्ग द्वारा: अमलापुरम नियमित बसों के माध्यम से भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। शहर के केंद्र में स्थित इसके बस टर्मिनस से नियमित बसें उपलब्ध हैं.
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अमलापुरम आने का सही समय इस शहर में घूमने आने का सबसे सही समय सर्दी का रहता है. दिसंबर से मई तक यहां का मौसम बहुत सुहावन रहता है और तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है.
श्री वीरेश्वर स्वामी मंदिर
गौरी नदी के किनारे पर स्थित श्री वीरेश्वर स्वामी मंदिर अमलापुरम के आसपास के सबसे उल्लेखनीय धार्मिक स्थलों में से एक है. भगवान के साथ ही एक देवी की मूर्ति स्थापित है जो कि इस मंदिर के सबसे आकर्षक तत्वों में से एक है. मंदिर की दीवारों में की गई अलंकृत और असाधारण वास्तुकला और जटिल विवरण शानदार शिल्प कौशल को दर्शाते हैं. अपनी असाधारण वास्तुकला के अलावा इस मंदिर की पृष्ठभूमि भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अपली ओर आकर्षित करती है.
एना विल्ली सिद्धि विनायक मंदिर
हरियाली, घास के मैदानों और नारियल के घने ग्रूव्स एनाविल्ली सिद्धि विनायक मंदिर को शहर के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक बनाते हैं. मंदिर परिसर दो भागों में बंटा है जिसमें से एक टॉवर और दूसरा प्रवेश द्वार है.एक द्वार से आने पर आपको भगवान सिद्धि विनायक के दर्शन होंगे जबकि दूसरे से श्री विश्वेश्वरा स्वामी के दर्शन होंगे। वास्तुकला, गहन रूप से विस्तृत कलात्मकता, मंदिर की दीवारों की समृद्ध संस्कृति देखने लायक है.
अप्पानपल्ली मंदिर
अमलापुरम में अप्पानपल्ली मंदिर एक महान सांस्कृतिक केंद्र है और इस मंदिर से समृद्ध इतिहास भी जुड़ा हुआ है. मंदिर की स्थापत्य संरचना इसके बीते युगों के लिए महत्वपूर्ण है और इस तीर्थस्थल के गर्भगृह को दूसरा तिरुपति माना जाता है. तीन ओर से गोदावरी नदी और एक ओर से बंगाल की खाड़ी से घिरे अप्पानपल्ली मंदिर की यात्रा मन को शांति प्रदान करती है. इस मंदिर में हमेशा दुनिया भर के पर्यटकों और भक्तों का तांता लगा रहता और यह अमलापुरम का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। अगर आप दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के असली प्राकृतिक सौंदर्य को देखना चाहते हैं तो अगली बार अमलापुरम की यात्रा करें. इस जगह पर आकर पर्यटकों को निराशा नहीं बल्कि ढेर सारा प्राकृतिक सौंदर्य मिलता है.