बुढ़ापा आपका दरवाजा खटखटाए, इससे पहलेे दूर करिए तनाव

 

तनाव से बढ़ापा वाशिंग्टन। सोचिए, 35 की उम्र में आपके बाल पक जाएं। हड्डियां दर्द होने लगें। अपनी उम्र के लोगों के बराबर ऊर्जा भी न रहे तो आप क्या करेंगे। यकीनन यह तनाव से बढ़ापा आने का लक्षण है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस तनाव के कारण कम उम्र में भी बुढ़ापा आपका दरवाजा खटखटा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर नाम की बीमारी आपके शरीर में कभी भी दस्तक दे सकती है।

तनाव से बढ़ापा और इसकी वजह

पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर (पीटीएसडी) होने पर आप पर समय से पहले बूढ़ा हाेने का खतरा मंडराने लगता है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि पीटीएसडी कई मानसिक विकारों जैसे गंभीर अवसाद, गुस्सा, अनिद्रा, खान-पान संबंधी रोगों तथा मादक द्रव्यों के सेवन से जुड़ी व्याधि है।

सैन डिएगो स्थित युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में साइकेट्री के प्रो. दिलीप वी. जेस्ते के मुताबिक समय से पहले बुढ़ापा आने के संबंध में पीटीएसडी को लेकर अपने तरह का यह पहला अध्ययन है। जेस्ते व उनके साथियों ने पीटीएसडी में समय से पूर्व बुढ़ापे पर प्रकाशित प्रासंगिक अनुभवजन्य अध्ययनों की व्यापक समीक्षा की।

साइकेट्री के प्रोफेसर व पहले लेखक जेम्स बी. लोहर ने कहा कि निष्कर्ष में यह बात बिल्कुल जाहिर नहीं होती कि समय से पूर्व बुढ़ापे के लिए पीटीएसडी ही जिम्मेदार है, लेकिन यह दलील पेश करता है कि पीटीएसडी पर फिर से विचार करने की जरूरत है, क्योंकि यह मानसिक बीमारी से कुछ अधिक है। यह अध्ययन पत्रिका ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ जेरिएट्रिक साइकेट्री’ में प्रकाशित हुआ है।

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