लॉकडाउन के बीच पूरा देश घर में ही मना रहा है डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती…

हर साल आज के ही दिन डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई जाती है। इस दिन को समानता और ज्ञान दिवस  के रुप में भी यादा किया जाता है। भीमराव आंबेडकर का जन्म आज के ही दिन 1891 को हुआ था। क्या तब के समाज और आज  के समाज में कुछ बदलाव आया है आइए जानते हैं।

डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती

उनका जन्म मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था।  उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और मां का नाम भीमाबाई था।

डॉ. भीमराव आंबेडकर का चयन 1913 में अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए हो गया था। उन्होंने यहां से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी।

पढ़ाई पूरी करने के बाद भीमराव आंबेडकर को पीएचडी के सम्मान से नवाजा गया जिसके बाद के उनके नाम के आगे डॉक्टर शब्द का इस्तेमाल होने लगा।

डॉ. भीमराव आंबेडकर ने 1936 में स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना की थी।

1947 को जब देश आजाद हुआ था तब डॉ. आंबेडकर देश के पहले कानून मंत्री बने थे।

भारत के संविधान निर्माण में डॉ. भीमराव आंबेडकर का अहम योगदान रहा।

डॉ. भीमराव आंबेडकर को 29 अगस्त 1947 को संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

देश की आजादी के बाद आंबेडकर ने पहली बार 1952 में निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ा,लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा।

डॉ. भीमराव आंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुई।

डॉ. भीमराव आंबेडकर ने 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में अंतिम सांस  और देश से विदाई ली।

 

 

 

 

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