उत्तरकाशी में दर्दनाक हादसा: दीवार ढहने से एक ही परिवार के चार लोग मरे, मासूम बच्चों की हंसी मलबे में दबी

उत्तरकाशी के ओडाटा गांव में कच्चे मकान की दीवार गिरने से गुलाम हुसैन, उनकी पत्नी रुकमा खातून, बेटा आबिद और 10 माह की बेटी सलमा की मौत, भारी बारिश और कमजोर संरचना संभावित कारण, पुलिस जांच शुरू।

उत्तरकाशी जिले के मोरी तहसील के राजस्व ग्राम ओडाटा के मोरा तोक स्थित गुजर बस्ती में शुक्रवार (20 जून 2025) देर रात करीब 2 बजे एक दिल दहलाने वाला हादसा हुआ। एक कच्चे मकान की दीवार अचानक ढह गई, जिसके मलबे में दबकर एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई। इस हादसे ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया।

मृतकों की पहचान गुलाम हुसैन (26), उनकी पत्नी रुकमा खातून (23), उनके तीन वर्षीय बेटे आबिद, और 10 माह की बेटी सलमा के रूप में हुई है। हादसा उस समय हुआ जब परिवार गहरी नींद में था। रात के सन्नाटे में दीवार गिरने की तेज आवाज ने आसपास के लोगों को चौंका दिया, लेकिन जब तक कोई कुछ समझ पाता, पूरा घर मलबे में तब्दील हो चुका था।

घटना की सूचना मिलते ही तहसीलदार मोरी जब्बर सिंह असवाल, राजस्व उप निरीक्षक, पुलिस, और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर पहुंचीं। बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया, लेकिन मलबा इतना भारी था कि सभी चारों की सांसें थम चुकी थीं। तहसीलदार ने बताया कि बचाव दल ने पूरी कोशिश की, लेकिन कोई भी जीवित नहीं बचा।

संभावित कारण

प्रारंभिक जांच में भारी बारिश और कच्चे मकान की कमजोर संरचना को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। उत्तराखंड में मानसून के दौरान भारी बारिश अक्सर कच्चे मकानों के लिए खतरा बन जाती है। प्रशासन ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं ताकि हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।

गांव में मातम

हादसे ने गुजर बस्ती और आसपास के इलाकों में मातम पसरा दिया है। गुलाम हुसैन का परिवार गांव में सादगी से जीवन जीता था। तीन साल का आबिद और 10 माह की सलमा की मासूमियत पूरे गांव की शान थी। अब उनके आंगन में किलकारियों की जगह सन्नाटा पसरा है। ग्रामीण अभी भी सदमे में हैं और इस हादसे को ईश्वर की क्रूर लीला मान रहे हैं।

प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “उत्तरकाशी के ओडाटा गांव में दीवार गिरने से चार लोगों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत लोगों की आत्मा को श्री चरणों में स्थान एवं परिजनों को असीम दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “इस अकल्पनीय दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। भगवान बद्री-केदार जी दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।”

पिछले हादसों का संदर्भ

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण कच्चे मकानों के ढहने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। 2016 में टिहरी जिले के घंसाली क्षेत्र में एक मकान की दीवार गिरने से एक महिला और उसके दो बच्चों की मौत हो गई थी। इसी तरह, 2024 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, मुरादाबाद, और मैनपुरी में भारी बारिश से मकान ढहने की घटनाओं में आठ लोगों की जान गई थी। ये घटनाएं कच्चे मकानों की सुरक्षा और मानसून के दौरान बेहतर तैयारी की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।

आगे की कार्रवाई

प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही, क्षेत्र में अन्य कच्चे मकानों की स्थिति का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण शुरू किया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग संयुक्त रूप से हादसे के कारणों की गहन जांच कर रहे हैं।

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