ट्रिपल तलाक पर लॉ बोर्ड को झटका, कोर्ट और कुरान ने भी माना गलत

ट्रिपल तलाक पर हाईकोर्टइलाहाबाद। ट्रिपल तलाक पर हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को तगड़ा झटका दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो टूक कहा है कि तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के साथ क्रूरता है। कोर्ट ने यह तर्क भी दिया कि पवित्र कुरान में भी इसे गलत माना गया है।

ट्रिपल तलाक पर हाईकोर्ट का रुख

दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुनीत कुमार की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि कोई भी पर्सनल लॉ भारतीय संविधान से ऊपर नहीं है।

ट्रिपल तलाक पर हाईकोर्ट के इस फैसले से नाराज मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अब ऊपरी अदालत जाने का मन बनाया है। लॉ बोर्ड के मुताबिक यह फैसला शरिया के खिलाफ है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और इस्लामिक विद्वान खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि संविधान हमें पर्सनल लॉ पर अमल करने का हक देता है।

ट्रिपल तलाक पर हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस्लामिक कानून की गलत व्याख्‍या की जा रही है। तीन तलाक महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों से खिलवाड़ है।

हाईकोर्ट ने बुलंदशहर की हिना और उमरबी की याचिकाओं पर यह फैसला दिया। 24 साल की हिना की शादी 53 साल के शख्‍स से हुई। बाद में उसने हिना को तलाक दे दिया। वहीं, उमरबी का पति दुबई में रहता है और वहां से उसने फोन पर तलाक दे दिया। इस पर उमरबी ने अपने प्रेमी से शादी कर ली। लेकिन ट्विस्ट तब आया, जब उमरबी का पति लौटा और उसने कोर्ट में कहा कि उसने उमरबी को तलाक नहीं दिया।

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