टीम इंडिया के नंबर वन फैन का काला सियाह सच आया सामने

नई दिल्ली। सुधीर गौतम, शायद ही आप इस नाम को सुनकर सटीक जवाब दे पाएं, लेकिन अगर कहा जाए कि सचिन तेंदुलकर और इंडियन क्रिकेट टीम सबसे बड़ा फैन जो मैच के दौरान स्टेडियम में पागलों की तरह तिरंगा फहराता है। अब तो आपके दिमाग में उसकी इमेज एक दम साफ हो गई होगी। हम सब सुधीर गौतम को टीम इंडिया का नंबर वन फैन कहते हैं। लेकिन ऐक ऐसा काला सियाह सच सामने आया है जिसे सुनकर आप सोचेंगे कि उसके घर वाले उसे कैसा मानते हैं?

टीम इंडिया का नंबर वन फैन

टीम इंडिया का नंबर वन फैन सुधीर गौतम अपने सिर के बालों की कटाई को देश के नक्शा बना रखा है। उसके सीने पर पेंट से तिरंगा बना है। माथे पर ‘इंडिया’ और सीने पर ‘मिस यू तेंदुलकर’ लिखा है।

उसका भरा पूरा परिवार है। मां-बाप भाई-बहन सभी। लेकिन इनमें से कोई भी कभी भी सुधीर अपनी शान नहीं समझता। टीम इंडिया के लिए उसका जूनुन सिर चढ़ कर बोलता है, लेकिन न उसने घरवालों को और न घरवालों को सिर आंखों पर बैठाया।

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आप ने उसे पागलों की तरह से तिरंगा फहराते और शंख बजाते हुए देखा जरूर देखा होगा। पर सुधीर ने अपनी की जिम्मेदारी कब निभाई ये न उसे याद न उसके घरवालों को।

उसकी जेब में पैसा नहीं है पर किसी तरह मदद पाकर करीब पूरी दुनिया घूम कर सुधीर टीम इंडिया का नंबर वन फैन बन गया। अगर घर पर मदद करनी हो तो साफ कहता कि मैं मदद नहीं कर पाऊंगा।

बिहार के मुजफ्फरपुर के गांव दामोदरपुर का सुधीर, सचिन के साथ एक छत के नीचे बैठ चुका है। लेकिन बीती बरसात में उसके घर की छत गिर गई, उससे उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

टीम इंडिया का नंबर वन फैन

जेब में पैसा न होने के बावजूद वह हर उस देश में गया है, जहां टीम इंडिया ने सफर किया। उसके पासपोर्ट पर वीजा के स्टांप के लिए जगह नहीं बची हैं। बिल्कुल वैसे ही जैसे उसके घरवालों के दिल में उसके लिए जगह नहीं।

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36 साल का सुधीर देश में क्रिकेट का नंबर फैन है। लेकिन सच यह है कि कैसे क्रिकेट के नाम पर एक शख्स अपने परिवार की जिम्मेदारियों से भाग रहा है।

टीम इंडिया का हौसला बढ़ाने के बाद बीते महीने सुधीर अपने घर पहुंचा। करीब आठ महीने बाद उसने घर में कदम रखा था। जिस दिन वह घर पहुंचा, तेज बारिश थी। जब रुकी तो घर की छत गिर चुकी थी। बूढ़े बाप को उम्मीद थी कि बेटा कोई मदद करेगा। लेकिन सुधीर चुपचाप घर से निकल गया और अपने किसी जानकार के घर रुकने के बाद श्रीलंका के लिए रवाना हो गया।

सुधीर बताते है, ‘मैं क्या कर सकता था। जब मैं पहुंचा तो छत गिर गई। मेरे पास कुछ नहीं है परिवार की मदद करने के लिए। इसलिए मैंने चुपचाप घर छोड़ दिया क्योंकि मुझे श्रीलंका आना था।’

जिम्मेदारियों से भागने वाले सुधीर के सामने अगला सवाल था पिता के गुस्से को लेकर। जवाब मिलता है, ‘नहीं, क्योंकि मेरी उनसे पिछले कई सालों से कोई बात ही नहीं होती। अगर मैं घर पर हूं और वह भी, तो मैं कभी उनके सामने नहीं जाता। न ही वह मुझ से बात करते हैं। मेरे पास भी ज्यादा समय नहीं है।’

टीम इंडिया का नंबर वन फैन

सुधीर से हर खिलाड़ी, क्रिकेट फैन जरूर मिलना चाहता है। लेकिन उसके भाई-बहन नहीं। सुधीर कहता है, ‘भाइयों से संबंध ठीक नही, कभी बहन के घर चला जाता हूं। मैं अपनी बहन और भाई की शादी में नहीं जा सका, क्योंकि इत्तेफाक ही था कि जब उनकी शादियां थीं, भारतीय टीम कोई न कोई सीरीज खेल रही थी। दस साल पहले छोटे भाई की शादी थी, लेकिन उस दिन कानपुर में मैच था,’

असल में सुधीर के पागलपन की शुरुआत 2003 में हुई जब उसने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट खेलते देखा। वहीं से दिमाग में आ गया कि सचिन सर से मिलना है।

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उस समय ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ त्रिकोणीय सीरीज चल रही थी। टीम इंडिया का नंबर वन फैन सुधीर अपने गांव से साइकिल चला कर 16 दिन के सफर के बाद मुंबई सचिन के घर के बाहर पहुंच गया। वहां से हर किसी ने उसे दौड़ा दिया।

फिर किसी ने बताया कि शाम को सचिन का मीडिया से मिलने प्रोग्राम है। सुधीर वहां पहुंचा और सारी बाधाएं पार करके न केवल सचिन तक पहुंचा बल्कि वह उनके कदमों में लेट गया। उसकी कहानी से प्रभावित हो कर सचिन ने उसे खाने पर आने के न्योता दे दिया।

उस दिन भारतीय टीम को एक जुनूनी फैन मिल गया लेकिन बाप ने बेटा और भाई व बहनों ने अपना भाई खो दिया।

सुधीर को अपनी जिम्मेदारी निभाने का मौका भी मिला। 2004 में उसे शिक्षा मित्र के पद पर पक्की नौकरी मिली। लेकिन फरवरी में ट्रेनिंग पर जाने की बजाय उसने साइकिल से पाकिस्तान जाना जरूरी समझा, जहां भारतीय टीम कई सालों बाद खेलने वाली थी।

टीम इंडिया का नंबर वन फैन

ठीक एक साल बाद इंडियन रेलवे के लिए उसने फिजिकल और प्रिलिमिनरी टेस्ट पास कर लिया। लेकिन जिस दिन उसे इंटरव्यू के लिए जाना था, वह दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर भारत और पाक के बीच वनडे मैच में तिरंगा लहरा कर और शंख बजा कर टीम इंडिया का हौसला बढ़ा रहा था।

टीम इंडिया का नंबर वन फैन सुधीर बताता है, ‘टीम के खिलाड़ियों से मदद मिल जाती है। सचिन सर ने बहुत मदद की है। विदेशी दौरे के लिए कभी कोई पैसा दे देता है। कभी कभार प्रायोजक भी मिल जाते हैं। मैं अब यहां से वापस नहीं जाने वाला। मैं आखिरी सांस तक ऐसे ही टीम के लिए झंडी फहराता रहूंगा।’

 

साभार : फर्स्ट पोस्ट

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