
रिपोर्ट- अवनीश कुमार
लखनऊ। भारत को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। आईएमए ने अपने सभी चिकित्सकों से अपील की है कि वे सभी टीबी के मरीजों का नोटीफिकेशन सुनिश्चित करें।
लखनऊ में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भवन में आईएमए उत्तीर प्रदेश के प्रांतीय पदाधिकारियों ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ जयंत शर्मा ने कहा कि टीबी के सभी मरीजों का नोटीफिकेशन एक बड़ी चुनौती है, इसी चुनौती को ध्यान में रखकर इस महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी भारत सरकार ने आईएमए को भी दी है।
सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के आंकड़े तो सरकार तक आसानी से पहुंच जाते हैं। लेकिन निजी क्षेत्र और झोलाछाप चिकित्सकों के पास पहुंचने वाले मरीजों के आंकड़ों का संकलन आसान नहीं होता है।
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चूंकि टीबी एक संक्रामक रोग है अत: इसके उन्मूललन के लिए उसी तरह लगन और परिश्रम की जरूरत है जैसी कि पोलियो के उन्मूकलन में की गयी है। जाहिर है ऐसे में सभी स्तर से प्रयास की जरूरत है।
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पोलियो उन्मूलन में भी आईएमए ने महत्वीपूर्ण भूमिका निभायी है, इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने आईएमए के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया है।