मस्जिद-मुस्लिम के बाद अब क्यों चर्च-ईसाई की सुरक्षा को खतरा

मुंबई| मुंबई के एक एनजीओ ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से क्रिसमस के दौरान पटाखों के प्रयोग की इजाजत वापस लेने और आगामी क्रिसमस उत्सव के दौरान चर्चो और ईसाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। एक बयान में हार्मोनी फाउंडेशन के अध्यक्ष अब्राहम मथाई ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में क्रिसमस के अवसर पर रात 12.30 बजे तक पटाखों के प्रयोग की इजाजत दी है।

मथाई ने आईएएनएस से कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के प्रति सम्मान के साथ, क्रिसमस के दौरान पटाखें फोड़ना ना ही आदर्श है और ना ही परंपरा। जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, वह चर्चो और 25 दिसंबर को आधीरात की प्रार्थनासभा के दौरान ईसाइयों की सुरक्षा है।”

उन्होंने कहा कि 2017 में, पूरे भारत में चर्चो पर हमले की करीब 384 घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज की गई, जिसमें से 15 क्रिसमस के अवसर पर हुई और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

मथाई ने आग्रह किया कि सर्वोच्च न्यायालय को सभी राज्य सरकारों को चर्चो और सभी ईसाइयों पर निशाना बनाने वाले बदमाश तत्वों और पूरे भारत में क्रिसमस की संध्या पर धार्मिक सभाओं में व्यवधान पहुंचाने वालों को हतोत्साहित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने का निर्देश देना चाहिए।

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मथाई ने कहा, “शांतिपूर्ण समुदाय के लिए पटाखें फोड़ना धार्मिक रूप से जरूरी नहीं है, लेकिन जिंदगी की रक्षा करना और बिना व्यवधान पहुंचे पूजा करने की स्वतंत्रता एक वैश्विक मूलभूत अधिकार है, जिसकी रक्षा किए जाने की जरूरत है।”

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