जेट एयरवेज के लिए जगी उम्‍मीद, खाड़ी देश की एतिहाद ने लगाई बोली…

आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के अधिग्रहण के लिए खाड़ी देश की एतिहाद एयरवेज ने वित्तीय बोली जमा करा दी है। इसके अलावा कुछ बिना आमंत्रण वाले पक्षों से वित्तीय बोलियां मिली हैं।

 

jet airway

 

 

कर्जदाताओं के मुताबिक जेट एयरवेज के अधिग्रहण के लिए एतिहाद एयरवेज और कुछ बिना आमंत्रण वाले पक्षों से वित्तीय बोलियां मिली हैं. बता दें कि एतिहाद एयरलाइन का जेट एयरवेज में 20 फीसदी से ज्‍यादा निवेश है।

 

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भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 26 कर्जदाताओं की समिति ने 8 से 12 अप्रैल के बीच जेट एयरवेज के लिए रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे. इसके लिए चार प्रारंभिक बोलियां मिली थीं।

 

वहीं समिति की जेट में 51 फीसदी हिस्सेदारी है। जहां समिति ने एयरलाइन कंपनी की 31.2 फीसदी से 75 फीसदी तक की हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की है। जहां दाताओं की ओर से वित्तीय बोली जमा करने का आखिरी दिन शुक्रवार था। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह जेट एयरवेज के अधिग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत है।

बता दें एतिहाद एयरलाइन की बोली प्रक्रिया में शामिल होने से अस्‍थायी तौर पर बंद हो चुकी जेट एयरेवज की उम्‍मीदें बढ़ गई हैं. दरअसल, एतिहाद की जेट एयरवेज में पहले से निवेश है।

लेकिन एतिहाद का कहना है कि हम एयरलाइन के मुख्य निवेशक नहीं बनना चाहते हैं। जहां अन्य आवश्यकताओं के बीच जेट के आवश्यक री-कैप के लिए और उपयुक्त निवेशकों की जरूरत होगी।

वहीं मौजूदा समय में जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,000 करोड़ रुपये बकाया है। जहां तंगी की वजह से जेट एयरवेज के कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं मिल सकी है। वहीं जेट एयरवेज के 400 से अधिक स्‍लॉट दूसरी एयरलाइन कंपनियों को दे दिए गए हैं।

दरअसल इस बीच जेट एयरवेज पर एफडीआई नियमों के उल्‍लंघन के आरोप लगे हैं। लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जेट एयरवेज और एतिहाद एयरवेज के लिए वर्ष 2014 में हुए 900 करोड़ रुपये के एक करार की जांच कर रहा है। जहां ईडी की ओर से इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं इसमें विदेशी विनिमय से जुड़े नियमों का उल्लंघन तो नहीं हुआ है।

 

 

 

 

 

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