जेल से रिहा हुए जेएनयू प्रोफेसर साईबाबा

जेएनयू प्रोफेसरहैदराबाद| नक्सलियों से संबंध के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू प्रोफेसर जी.एन. साईबाबा को सोमवार को हैदराबाद केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया।

रिहा होने के बाद साईबाबा तेलंगाना विधानसभा के सामने स्थित गन पार्क गए और वहां उन्होंने तेलंगाना शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। साईबाबा ने कहा कि वह तेलंगाना में एक जन आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।

जेएनयू प्रोफेसर पर हैं माओवादियों के साथ संबंध के आरोप

उन्होंने कहा कि रिहाई के बाद उनका सबसे पहला काम यहां से 120 किलोमीटर दूर वारंगल शहर में मंगलवार को तेलंगाना डेमोक्रेटिक फोरम (टीडीएफ) के तत्वाधान में प्रस्तावित जनजातीय समुदाय की बैठक में हिस्सा लेने का होगा।

साईबाबा ने कहा, “तेलंगाना सरकार जनजातीय समुदाय के लोगों की बैठक में खलल डालने की कोशिश कर रही है। यह अलोकतांत्रिक है। मैं इस बैठक में हिस्सा लूंगा।”

व्हीलचेयर के सहारे चलने वाले प्रोफेसर साईबाबा का 90 प्रतिशत शरीर काम नहीं करता। उन्हें सबसे पहले मई 2014 में माओवादियों के साथ संबंध के आरोप में महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

इस वर्ष अप्रैल में उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें चिकित्सा सहायता मुहैया न कराकर मारने की कोशिश कर रही है। अप्रैल में ही सर्वोच्च न्यायालय ने साईबाबा को चिकित्सकीय आधार पर जमानत देते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया।

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