यूपी की लेडी सिंघम का एक और ‘कारनामा’, फरियादी को भेजा जेल

लखनऊ। पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश जिले में मेरठ की जिलाधिकारी बी चन्‍द्रकला अक्‍सर चर्चाओं में रहती है। लोग इन्‍हें इनके कठोर फैसलों की वजह से जानते हैं। इस बार बी चन्‍द्रकला ने फिर कुछ ऐसा किया है कि हर इंसान की जुबां पर बस यही चर्चा है कि वाकई में कड़े फैसले कोई ले सकता है तो वह यही ले सकती हैं और कोई नहीं।

जिलाधिकारी बी चन्‍द्रकला

दरअसल एक मामले में लंबे समय से आरोपी एक चीनी मिल के मालिक को उन्‍होंने सीधे अपने आफिस से ही गिरफ्तार करा दिया है।

इस पूरे मामले की शुरुआत 1984 में चीनी शुगर मिल की 16000 गज जमीन को लेकर शुरू हुई थी।

उस समय सरकार द्वारा इस जमीन को एक्वायर करते हुए तत्कालीन डीएम द्वारा इसे नीलाम कर दिया गया था।

इसके बाद शरद जैन द्वारा कोर्ट में याचिका दी गयी थी और वह केस जीत भी गए थे। जिसके बाद सरकार द्वारा इस नीलामी को रद्द कर दिया गया था।

इसके खिलाफ साल 2003 में प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गयी।

सर्वोच्च न्यायलय द्वारा नीलामी में जमीन खरीदने वाले की याचिका को खारिज कर दिया गया।

इसके अलावा कोर्ट ने जमीन खरीदने वाले को 6 प्रतिशत की ब्याज दर से भुगतान करने का भी आदेश दिया। हालाँकि इस पूरे मामले पर अभी भी कोर्ट में केस चल रहा है। इसके पहले शरद जैन वेदव्यास पुरी में एमडीए की जमीन के संबंध में जिलाधिकारी के पास शिकायत लेकर गए थे।

जिसके बाद डीएम द्वारा उन्हें पुलिस बुलाकर सिविल लाइन थाने भिजवा दिया गया।

हालाँकि आरोपी एक वकील भी है जिस कारण जिले के वकीलों द्वारा चन्द्रकला का विरोध शुरू हो गया है।

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