जिलाधिकारी ने मुहिम चलाकर किसानों को किया जागरूक, पराली को लेकर दिए ये निर्देश

 जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कैप्सूल और वेस्ट-डी कंपोजर के संबंध में किसानों को डेमो टेस्ट की जानकारी दी. इस कार्यक्रम में जिला अधिकारी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान पराली खेत में किसी भी दशा में न जलाए. पराली जलाने से भूमी में उपस्थित जैविक कीट और उर्वरक तत्व नष्ट होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है. फसल अवशेष के उचित प्रबंधन के अनेक उपाय है किसान बंधु उनका उपयोग अवश्य करें. पराली को जैविक खाद के रूप में परिवर्तित करने के लिए किसानों को 20रूपये में कैप्सूल उपलब्ध कराया गया. इसका उपयोग एक एकड़ की पराली को 15 दिन में जैविक खाद के रूप में गला कर उपयोग किया जा सकता है. किसान बंधु को वेस्ट-डी कंपोजर नामक दवाई के उपयोग के माध्यम से भी पराली का उचित प्रबंधन कराया जा सकता है.

पीलीभीत डीएम

प्रदेश में लगातार पराली की समस्याओं के चलते किसानों पर मुकदमे दर्ज हो रहे थे. इसके चलते किसान अपनी पराली जलाने से डर रहे थे और सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी चिंतित भी थी. सरकार ने किसानों को पराली से खाद बनाने का डेमो दिखाया था.

वहीं आज जिले में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मुहिम चलाकर किसानों के सामने पराली से खाद बनाने का डेमो दिखा कर लोगों को जागरूक किया जिसको लेकर खुद जिला अधिकारी गांव गांव किसानों से मिल रहे है. पराली को गलाने के लिये बनाये गए गड्ढे में खुद जिला अधिकारी उतर गए देखते देखते जिले के सभी अधिकारी गड्डे में उतर गए,फिलहाल किसानों के  अब अच्छे दिन आने वाले है,

ये है पीलीभीत के जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव, जिले में पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिये जिला अधिकारी हर सम्भव प्रयास कर रहे है, पराली को जलने से रोकना इनके लिये एक चैलेंज बनता जा रहा था. इसलिये पराली से जुड़े मामले को लेकर लापरवाही बरतने पर जिला अधिकारी ने 8 लेखपालो को निलम्बित कर दिया, फिर कई पुलिस वालों पर भी कार्यवाही भी की गई इतना ही नही सख्त कार्यवाही करते हो 3 दर्जन किसानों को हवालात भी जाना पड़ा.

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पराली को जलने से रोकने के लिये जिला अधिकारी ने हर सम्भव प्रयास किये,ये प्रयास अभी तक जारी है,जिला अधिकारी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली द्वारा विकसित कैप्सूल अपने जिले के लिये मंगा लिये है , जिला अधिकारी कैपशूल का प्रदर्शन गांव गांव जा कर खुद कर रहे है. कैपशूल को 5 लीटर के गुड़ में मिला घोल इससे  बने घोल से पराली,गेंहू की नरई,आदि फसल अवशेष को आसानी से गला कर खाद बनाया जा सकता है,इसका पूरा डेमो जिला अधिकारी खुद गांव गांव जा जर रहे है, किसानों को इसका इस्तेमाल करने की कह रहे है.

जिला अधिकारी  पराली न जले इसके लिये खुद गांव में किसानों से बात कर रहे है,आप को बता दे कि प्रदेश में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले पीलीभीत में ही हुए है,क्योकि साटा धान की फसल वोने  के चक्कर मे खेत जल्दी खाली करना होता है.

इसलिये किसान पराली को जला देता है,लेकिन अब जिला अधिकारी 20 रुपया का कैपशूल गांव गांव बेच रहे है जिससे किसान जागरूक हो और पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने का प्रयास करे.

लेखपालो का निलंबन,पुलिस पर कार्यवाही, किसानों को जेल बीते कुछ दिनों   से पूरा जिला इन सब मे घिरा हुआ है लेकिन प्रशासन ने  पराली को लेकर हर सम्भव प्रयास किया लेकिन किसानों को प्रदूषण को रोकने के अब खुद पहल करनी पड़ेगी.

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