
नई दिल्ली। जियो के लेटेस्ट ऑफर और धाकड़ एंट्री के बाद से रिलायंस ने एक धाकड़ उड़ान भरी, लेकिन अब जियो पर ग्रहण लगता हुआ नजर आ रहा है। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का विज्ञापन में इस्तेमाल करने के मामले में उपभोक्ता मंत्रालय ने रिलायंस जियो और पेटीएम को नोटिस भेजा है। दोषी पाए जाने की स्थिति में कंपनी पर कार्रवाई की जा सकती है।
जियो पर ग्रहण
मंत्रालय ने राष्ट्रीय चिन्ह एवं नाम (दुरूपयोग से रोकथाम) कानून-1950 की धारा-3 के तहत दोनों कंपनियों को प्रधानमंत्री के नाम और तस्वीर के वाणिज्यिक उपयोग के लिए नोटिस भेजा है।
ऐसे मामलों में उपभोक्ता मंत्रालय की जिम्मेदारी है कि वह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री एवं अन्य ऐतिहासिक हस्तियों के नाम की प्रतिष्ठा की रक्षा करे।
उपभोक्ता मामलों के सचिव हेम पांडे ने बताया, ‘‘हमने दोनों कंपनियों को प्रधानमंत्री के फोटो का इस्तेमाल अपने विज्ञापनों में करने के संबंध में नोटिस भेजा है। अभी उनका जवाब नहीं मिला है।’’
उपरोक्त कानून की धारा-3 किसी भी व्यक्ति को किसी नाम (राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, ऐतिहासिक हस्ती इत्यादि) और किसी चिन्ह (जैसे कि अशोक चिन्ह) का बिना केंद्र सरकार की अनुमति के किसी भी तरह के व्यापार, कारोबार और अन्य वाणिज्यिक कार्य में उपयोग से रोकती है।
इस धारा के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर उस व्यक्ति पर अधिकतम 500 रुपये जुर्माना किए जाने का प्रावधान है।
हालांकि कानून में जुर्माने की राशि मामूली है लेकिन दोषी करार दिए जाने पर कंपनी की साख पर बट्टा लग सकता है।
कंपनियों पर क्या कार्रवाई की जा सकती है के प्रश्न पर पांडे ने कहा, ‘‘उनके जवाब देने के बाद ही हम कुछ तय कर पाएंगे।’’ इस मुद्दे पर फिलहाल पेटीएम और रिलायंस जियो ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर-2016 में रिलायंस जियो ने अपनी 4जी सेवा शुरू की थी और इसके लिए उसने प्रधानमंत्री मोदी की फोटो के साथ एक पूरे पेज का विज्ञापन दिया था। इस सेवा को उसने मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम में अपना योगदान बताया था।
इसी प्रकार आठ नवंबर को नोटबंदी के फैसले के अगले दिन मोबाइल वालेट कंपनी पेटीएम ने भी अखबारों में मोदी की फोटो के साथ पूरे पेज का विज्ञापन दिया था जिसमें उसने इस फैसले का स्वागत करते हुए लोगों से ई-वॉलेट के उपयोग को बढ़ावा देने की बात की थी।
खबर है कि इस संबंध में प्राधानमंत्री कार्यालय से रिलायंस जियों ने मौखिक रूप से अनुमति प्राप्त कर ली थी। लेकिन पीएम मोदी की तस्वीर का उपयोग करने की उनके पास किसी तरह की लिखित अनुमति नहीं है। लिहाजा कंपनी की उपभोक्ता मंत्रालय के समक्ष मजबूत जवाबदेही बनती है।