जानें क्या है एंडोमेट्रियोसिस, लक्षण और बचाव

एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं से जुड़ी बीमारी है, जो महिला के पेट के फैलोपियन ट्यूब और गर्भ को प्रभावित करती हैं। पेट में दर्द, बांझपन, थकान, तनाव और मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक मात्रा में ब्लीडिंग इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। आमतौर पर एंडोमेट्रियोसिस होने पर महिलाएं दर्द निवारक दवाएं खा लेती हैं, लेकिन इसके कई नुकसान होते हैं। कुछ आसान तरीकों द्वारा आप एंडोमेट्रियोसिस के दर्द को कम कर सकती हैं और आराम पा सकती हैं।

एंडोमेट्रियोसिस

एक्सरसाइज और वॉकिंग

एंडोमेट्रियोसिस की समस्या होने पर चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है। इस रोग में एक अवस्था में लेटने या बैठने से तकलीफ ज्यादा होती है। रेगुलर एक्सरसाइज के द्वारा एंडोमेट्रियोसिस की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। रोज सुबह उठकर 20-30 मिनट पैदल चलें, स्ट्रेचिंग करें और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। इससे आपको लाभ होगा।

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ग्लूटेन फ्री आहार खाएं

कुछ महिलाओं में देखा गया है कि ग्लूटेन फ्री आहार खाने से एंडोमेट्रियोसिस का दर्द कम महसूस होता है। अगर आपको भी ये दर्द सताता है, तो आप ग्लूटेन फ्री डाइट अपनाकर ट्राई कर सकती हैं। इसके लिए गेंहू से बनी चीजों (मैदा, आटा) का कम से कम सेवन करें। जैसे- पास्ता की जगह आप चावल खा सकती हैं या सिर्फ गेंहूं के बजाय मिक्स आटे की रोटियां खा सकती हैं।

हल्दी का प्रयोग

एंडोमेट्रियोसिस में होने वाला दर्द बहुत ही दर्दनाक होता है, ऐसे में हल्दी इस दर्द से आराम दिलाता है। इसका सेवन करने के लिए पानी को थोड़ा उबालें, फिर उसमें एक चम्मच हल्दी डालें और इसमें नींबू का जूस मिलाकर इसे अच्छे से मिलायें, फिर इसका सेवन करें। दिन में दो बार इसका सेवन करने से जल्द आराम मिलता है।

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अदरक

अदरक ऐसा मसाला है जिसका प्रयोग औषधि के रूप में अधिक किया जाता है। इसमें पाये जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों के कारण दर्द से छुटकारा मिलता है। मासिक धर्म के दौरान अधिक दर्द हो तो अदरक का सेवन करें। अदरक को पतले टुकड़ों में काटकर इसका चाय बना लें और नियमित रूप से इसका सेवन करने से आराम मिलेगा।

अलसी का प्रयोग

एंडोमेट्रियोसिस के दर्द को दूर कर इसके उपचार में अलसी के बीज बहुत ही प्रभावी हैं। दरअसल अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर बीमारियों को दूर करता है। इसके लिए अलसी के कुछ दानें लेकर इसे पानी में डालें, रात भर इसे रखें और सुबह जल्दी उठकर इस पानी का सेवन करें। अलसी के दानों का पाउडर बनाकर भी आप इसका प्रयोग कर सकती हैं।

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