जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ के चिशोती में बादल फटने से भारी तबाही, मकान क्षतिग्रस्त, दो पुल ध्वस्त, बचाव कार्य शुरू

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर उपखंड में स्थित चिशोती गांव में 14 अगस्त को सुबह बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। मचैल माता यात्रा मार्ग पर हुई इस प्राकृतिक आपदा से कई मकानों को नुकसान पहुंचा, एक लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, और कई मार्ग कट गए।

अचानक आई बाढ़ के कारण मचैल माता मंदिर के पास सामुदायिक रसोई (लंगर शेड) भी मलबे में बह गया। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, और अन्य राहत टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन कई लोगों के फंसे होने और जान-माल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है।

किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि चिशोती इलाके में बादल फटने से अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए, जो मचैल माता यात्रा का शुरुआती बिंदु है। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू की, और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। नुकसान का आकलन किया जा रहा है, और चिकित्सा सहायता सहित सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्थानीय विधायक और विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा से बात करने के बाद उपायुक्त से संपर्क किया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सुनील शर्मा ने घटनास्थल का दौरा कर राहत कार्यों की निगरानी शुरू की है।

श्रीनगर मौसम केंद्र ने अगले 4-6 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई जिलों, जिसमें किश्तवाड़, डोडा, उधमपुर, और रियासी शामिल हैं, में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी है। संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा बना हुआ है। लोगों को नदियों, जलाशयों, और अस्थिर संरचनाओं से दूर रहने की सलाह दी गई है। मचैल माता यात्रा के चलते क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की मौजूदगी के कारण नुकसान की आशंका और गंभीर है, हालांकि अभी तक हताहतों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

प्रशासन ने गांव-गांव जाकर लोगों से नदियों और नालों से दूरी बनाए रखने की अपील की है। वीडियो फुटेज में क्षतिग्रस्त सड़कें और मलबे का बहाव दिख रहा है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। यह घटना चार दिन पहले पड्डर के सजार इलाके में बादल फटने के बाद आई दूसरी बड़ी आपदा है, जिसने चिनाब नदी के जलस्तर को भी बढ़ा दिया था।

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