जानिए हट सकता है टिक-टॉक पर प्रतिबंध, हाईकोर्ट से 24 अप्रैल तक निर्णय लेने को कहा…

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय को ‘टिक-टॉक’ एप पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की मांग वाली याचिका पर 24 अप्रैल तक निर्णय लेने का निर्देश दिया।

 

टिक - टोक

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर मद्रास उच्च न्यायालय 24 अप्रैल तक याचिका पर फैसला नहीं कर पाया तो टिक-टॉक एप पर प्रतिबंध लगाने वाला उसका आदेश निरस्त माना जाएगा।

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बता दें की मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के बाद भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कथित तौर पर गूगल और एप्पल को अपने ऐप स्टोर्स से चीनी वीडियो शेयरिंग एप्लिकेशन टिक टॉक को हटाने के लिए कहा था। जहां मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने तीन अप्रैल को केंद्र को निर्देश दिया था कि मोबाइल ऐप्लीकेशन ‘टिक टॉक’ पर प्रतिबंध लगाए।

वहीं मद्रास उच्च न्यायालय ने ऐसे ऐप्स के जरिए ‘अश्लील और अनुचित सामग्री’ उपलब्ध कराए जाने पर चिंता जताई थी। टिक टॉक ने आदेश को भेदभावपूर्ण और मनमाना बताया है अपने बचाव में टिक टॉक ने कहा था कि उसे ‘अश्लील और अनुचित सामग्री’ के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता हैं।

दरअसल चीनी वीडियो ऐप टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने को रोक लगाने से इनकार कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले पर अगली तारीख 22 अप्रैल यानि की आज तय की थी।

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